Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका
फै लाया गया, भटकाया गया
ज ग ं ल ही ज ग ं ल के रास्तों म
इ स ं ानी नस्लों को उजाड़ा गया,
मबयाबान ही मबयाबान की
दलदलों म
लहुल ह ु ान कोमशशों को फें क मदया गया
ठूंठ वृक्षों की कमज़ोर डालों पर
जले हुए महाग्रंथों-महाकाव्यों को टांग मदया गया.
अब वहां प न ु : एकत्र हुए ह
रोशनी के सभी चमगादड़
कुछ नयी आवाज़ों क
नए और अनोख
शोक-नृत्य के साथ.......
अन प ू कुमार बाली
पीएचडी िासहसययक कला
स्कूल ऑफ़ कल्चर ए ड ं सिएसिि एक्िप्रेिन
अम्बेडकर सिश्वसिद्यालय सदल्ली (AUD)
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प रू
षोत्म व्याि की कसिताए
मार दो.... िबको....
मार दो सबको
कोई बचना नही चामहय
माल म ू नही त म् ु हें......
ISSN: 2454-2725
मरने वालो के माता-मपता रोते है.... तो रोने दो
द व ु ाओ ं की हमें जरूररत नही
ख न ू की सररता.... बहने दो..
मार दो सबको
पता चले हमारी ताकत उनको
हम मकतने ख ंख
ार हैं....
मानवता... को ही हमने डाला.... बेच
मार दो सबको
हम स स ं ार भर की खबरों
छा जायेग . े ..
कोई कमव कमवता मलखेगा
अपने को त म ु मत.... बदलना..
मार दो ....सबको....।
प रू
षोत्म व्याि
C/o घनश्याम व्यास
एल.जी 63 नानक बगीचे के पास
शा त ं ीनगर कालोनी
नागप र ु (महारासे)
ई-मेल [email protected]
मो. न. 8087452426
त म् ु हारे ग रु ु ओ ं (आकाओ ) ं ने तुम्हें क्या
मसखाया
इस संसार मे राज करना है तो
बेग न ु ाह लोंगो मारना होगा..... रोिन कुमार की कसिताए
मार दो सबको मपछले साल बाढ़ ने रूलाया था
हमारा िहर
हमारा शहर रोया तो मपछले साल भी था
और इस साल द ग ं ों न
Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017.
वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017