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पिछले नौ िरषों में 24.82 करोड़ जनता बहु आयामी गरीबी से बाहर
गरीब , दलित , वनवासी एवं पिछड़ा वर्ग की जनता को मिली राहत
प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ्के नेतृत् में ्केंद्र सर्कार अपने ्कायमा्काल ्का दस वर्ष पदूरा ्करने वाली है । गत दस ्रषों ्के दौरान ्केंद्र सर्कार ्की विभिन्न लो्क ्कलयाण्कारी योजनाओं ्के सुखद परिणाम अबि सामने दिखाई देने लगे हैं और इस्का लाभ मुखय रूप से गरीबि , दलित , वनवासी एवं पिछड़ा वर्ग ्की जनता ्को पदूरे देश में मिला है । नए वर्ष में नीति आयोग ्की ए्क रिपोर्ट ने खुलासा द्कया है द्क देश ्के अंदर पिछले नौ ्रषों में 24.82 ्करोड़ जनता बिहुआयामी गरीबिी ्के दायरे से बिाहर आ चु्की है और अबि यह स्यं ्को गरीबि होने ्का अनुभव नहीं ्करते कयोंद्क इनहें भी मधय वर्ग एवं उच्च आय वर्ग वालों ्की तरह ्कई सुविधाएं प्रापत हो रही हैं । बिहुआयामी गरीबिी से सबिसे अदध्क उत्तर प्रदेश , दबिहार , मधय प्रदेश एवं राजस्ान ्के लोग बिाहर दन्कले हैं ।
नीति आयोग ्का यह आ्कलन ए्क बड़ी उपलब्ध ्को रेखांद्कत ्करने वाला है द्क पिछले नौ ्रषों में 25 ्करोड़ लोग गरीबिी रेखा से ऊपर उठे हैं । यह आंकड़ा इसलिए उललेखनीय है द्क इसी अवधि में अनय देशों ्की तरह भारत ्को भी ्कोविड महामारी ्के ्कारण ला्कडाउन से गुजरना पड़ा । इसने अर्थवय्स्ा ्को भी नु्कसान
पहुंचाया और निर्धनता निवारण ्के अभियान पर भी बिुरा असर डाला । इस महामारी ने गरीबिों ्को आर्मा्क रूप से ्कमजोर ्करने ्का भी ्काम द्कया । नीति आयोग द्ारा तैयार ्की गई मलटीडाइमेंशनल पा्टवी इन इंडिया नाम्क रिपोर्ट में मोदी सर्कार से जुडी ्कई उपलब्धयों ्को बिताया गया है । जान्कारी हो द्क मलटीडाइमेंशनल पा्टवी इंडेकस ( एमपीआई ) ्की वैश्विक मानयता है और इस इंडेकस ्को दन्कालने ्के लिए प्रति वयषकत आय ्की जगह दबिजली , स्ासरय , पेयजल , स्कूल , वित्तीय समावेश जैसी सुविधाओं ्को शामिल द्कया जाता है । नीति आयोग ने एमपीआई दन्कालने ्के लिए ऐसे बिारह मान्कों ्को शामिल द्कया जिनमें पोर्क तत् , बिच्चे ्की मृतयु दर , माताओं ्के स्ासरय , बिच्चों ्के स्कूल जाने ्की उम्र , स्कूल में उन्की उपषस्दत , रसोई ईंधन , स्चछता , पेयजल , दबिजली , आवास , संपदा व बिैं्क खाता शामिल हैं ।,
नीति आयोग द्ारा 15 जनवरी ्को जारी अपनी रिपोर्ट में बिताया है द्क वित्तीय वर्ष 2013-14 में देश ्की 29.17 प्रतिशत जनता एमपीआई ्के अनुसार गरीबि वर्ग में आती थी । जबिद्क वित्तीय वर्ष 2022-23 में मात् 11 . 28 प्रतिशत जनता ही एमपीआई ्के अनुसार से गरीबि वर्ग ्की श्रेणी
में बिची है अर्थात इन नौ सालों में 17.89 प्रतिशत जनता गरीबिी से बिाहर आयी है । नीति आयोग ने यह एमपीआई देश ्की जनसंखया 138 ्करोड़ मान्कर तैयार ्की है ।
नीति आयोग ्के अनुसार अबि सिर्फ लगभग
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