Jan 2024_DA | Page 17

चेतना ्का विसतार । आइए , हम सं्कलप लें द्क रा्ट्र निर्माण ्के लिए हम अपने जीवन ्का पल-पल लगा देंगे । राम्काज से रा्ट्र्काज , समय ्का पल-पल , शरीर ्का ्कण-्कण , राम समर्पण ्को रा्ट्र समर्पण ्के धयेय से जोड़ देंगे ।
प्रभु श्रीराम ्की हमारी पदूजा , विशेष होनी चाहिए । ये पदूजा , स् से ऊपर उ््कर समष्ट ्के लिए होनी चाहिए । यह पदूजा , अहम से उ््कर वयम ्के लिए होनी चाहिए । प्रभु ्को जो भोग चढ़ेगा , वो द््कदसत भारत ्के लिए हमारे परिश्रम ्की परा्काष्ा ्का प्रसाद भी होगा । हमें नितय पराकम , पुरुषार्थ , समर्पण ्का प्रसाद प्रभु राम ्को चढ़ाना होगा । इनसे नितय प्रभु राम ्की पदूजा ्करनी होगी , तबि हम भारत ्को वैभवशाली और द््कदसत बिना पाएंगे ।
यह भारत ्के द््कास ्का अमृत्काल है । आज भारत युवा शषकत ्की पदूंजी से भरा हुआ है , ऊर्जा से भरा हुआ है । ऐसी स्कारात्मक पररषस्दतयां , फिर ना जाने द्कतने समय बिाद बिनेंगी । हमें अबि चदू्कना नहीं है , हमें अबि बिैठना नहीं है । मैं अपने देश ्के युवाओं से ्कहदूंगा । आप्के सामने हजारों ्रषों ्की परंपरा ्की प्रेरणा है । अपनी विरासत पर गर्व ्करते हुए आप्को भारत ्का नव प्रभात लिखना है । परंपरा ्की पद्त्ता और आधुदन्कता ्की अनंतता , दोनों ही पथ पर चलते हुए भारत , समृदद् ्के लक्य त्क पहुंचेगा । आने वाला समय अबि सफलता ्का है । आने वाला समय अबि दसदद् ्का है । ये भवय राम मंदिर साक्ी बिनेगा- भारत ्के उत्कर्ष ्का , भारत ्के उदय ्का , यह भवय राम मंदिर साक्ी
बिनेगा- भवय भारत ्के अभयुिय ्का , द््कदसत भारत ्का ! यह मंदिर सिखाता है द्क अगर लक्य , सतय प्रमाणित हो , अगर लक्य , सामदूदह्कता और संगठित शषकत से जनमा हो , तबि उस लक्य ्को प्रापत ्करना असंभव नहीं है । यह भारत ्का समय है और भारत अबि आगे बिढ़ने वाला है । शताब्ियों ्की प्रतीक्ा ्के बिाद हम यहां पहुंचे हैं । हम सबि ने इस युग ्का , इस ्कालखंड ्का इंतजार द्कया है । अबि हम रु्केंगे नहीं । हम द््कास ्की ऊंचाई पर जा्कर ही रहेंगे । इसी भाव ्के साथ रामलला ्के चरणों में प्रणाम ्करते हुए आप सभी ्को बिहुत बिहुत शुभ्कामनाएं । सियावर रामचंद्र ्की जय ... ( अयोधया में प्राण प्रतिष्ा समारोह में दिए
गए भाषण ्के स्पादित अंश )
tuojh 2024 17