Jan 2023_DA | Page 44

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्पटेल ने ्यह कहते हुए प्सताव खारिज कर कद्या था कि इससे समाज का ताना-बाना बिगड़ सकता है । उसके बाद 1951 के बाद से लेकर 2011 तक करी जनगणना में केवल अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से जुड़े आंकड़े प्काशित किए जाते रहे । 2011 में ररी इसरी आधार ्पर जनगणना हुई , किंतु अ्परिहा्य्भ कारणों का हवाला देकर इसकरी रर्पोर्ट जाररी नहीं करी गई । कहा जाता है कि प्काशित करी गई रर्पोर्ट में कररीब 34 करोड़ लोगों के बारे में जानकाररी गलत थरी ।
जोर पकड़ रही जातिगत जनगणना की मांग
कमोबेश , हर जनगणना के ्पहले जातरी्य जनगणना करी मांग करी जातरी रहरी है । किंतु , बिहार विधानसभा में ्पहिरी बार 18 फरवररी , 2019 में तथा फिर 27 फरवररी , 2020 में सर्वस्मकत से प्सताव ्पारित कर मांग करी गई कि 2021 में होने वािरी जनगणना जाति आधारित हो । एक बार फिर मुख्यमंत्री नरीतरीश कुमार ने केंद्र से इस ्पर ्पुनर्विचार करने का आग्रह कक्या है । 1931 करी जनगणना के अनुसार देश में अन्य क्पछड़री जाकत्यों ( ओबरीसरी ) करी आबादरी 52 प्कतशत है । मंडल कमरीशन ने ररी इसरी आंकड़े को आधार बना्या था , जिसकरी रर्पोर्ट 1991 में लागू करी गई । ओबरीसरी करी आबादरी का सहरी आंकड़ा मिलने से षिेत्री्य दलों को राजनरीकत का न्या आधार मिल सकता है । षिेत्री्य दल हमेशा से जातरी्य जनगणना करी मांग करते रहे हैं । किंतु , इस मुद्े ्पर केंद्र में रहरी कोई ररी सरकार अ्पने हाथ नहीं जलाना चाहतरी है । इसलिए 2010 में जब केंद्र में मनमोहन सिंह करी सरकार थरी तब ररी लालू , शरद ्यादव व मुला्यम सिंह ्यादव जैसे नेताओं ने इस आधार ्पर जनगणना करी मांग करी थरी और उस सम्य ्परी . चिदंबरम सररीखे नेताओं ने इसका जोरदार विरोध कक्या था । सरकार को आशंका है कि जाति आधारित जनगणना के बाद तमाम ऐसे मुद्े उठेंगे , जिससे देश में आ्पसरी भाईचारा व सौहार्द बिगड़ेगा तथा शांति व्यवसथा भंग होगरी ।
जिस जाति करी संख्या कम होगरी , वे अधिक से अधिक बच्े करी वकालत करेंगे । इससे समाज में विषम मसथकत ्पैदा होगरी ।
जनसंख्ा नियंत्ण का पुरजोर विरोध
जनसंख्या कन्यंत्र कानून का विरोध कर रहे जेडरी्यू का कहना है कि केवल कानून बनाने से जनसंख्या कन्यंकत्त नहीं हो जाएगरी । मुख्यमंत्री नरीतरीश कुमार कहते हैं , " जब महिलाएं ्पूररी तरह ्पढ़री-लिखरी होंगरी तो प्जनन दर कम हो जाएगरी । हमें लगता है कि 2040 तक जनसंख्या में वृद्धि नहीं होगरी और फिर ्यह घटना शुरू हो जाएगरी । िरीन को देख िरीकजए , वहां अब क्या हो रहा है । महिलाओं के कशकषित होने से समाज के हर वर्ग ्पर असर होगा ।" हिनदुसतानरी अवाम मोर्चा ( हम ) के
प्मुख व ्पूर्व मुख्यमंत्री जरीतन राम मांझरी ने ररी इस मुद्े ्पर नरीतरीश का साथ देते हुए ्टवरीट कक्या । नरीतरीश कुमार जातरी्य जनगणना को जरूररी बताते हैं । उनका मानना है कि इस तरह करी जनगणना से सररी जाकत्यों को मदद मिलेगरी और उनकरी सहरी संख्या का ्पता चलने से उस आधार ्पर नरीकत्यां बनाई जा सकेगरी । ्पाटटी का मानना है कि इससे ्पता चल सकेगा कि किस इलाके में किस जाति करी कितनरी आबादरी है । इसरी आधार ्पर उनके कल्याण के लिए काम हो सकेगा , साथ हरी सरकाररी नौकरर्यों तथा कशषिर संसथानों में उनहें उचित प्कतकनकधतव दिए जाने का रासता साफ हो सकेगा । ्पाटटी के राष्ट्री्य अध्यषि राजरीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने तो लोकसभा में साफ कह कद्या कि जब तक जातरी्य जनगणना नहीं होगरी , तब तक ओबरीसरी को ्पूर्ण न्या्य नहीं मिल सकेगा ।
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