Hybrid Hues '15-'17 AIIMS, New Delhi | Page 156

मेरा त �ुर 154 मो. िफरोज़ हो�ल २, ए मोह�त करने �ालो ं म� बता� �ा �राबी ह,ै �बछ� कर दर ू हो जाए तो बनता �ो ं शराबी ह,ै �जगर पर ज� लेता ह ै लबो ं से कु छ नही ं कहता, ये कै सी इ� िक द�नया ह ै जो न�ाबो ं म� न�ाबी ह,ै करम उनका अगर होता मोह�त �मलके ही रहती, �सतम ह ै �� म� ही �सा िक खराबो ं म� खराबी ह,ै यक� ं खुद पर नही ं था तो �ो ं फ�रयाद करती ह,ै िक उसका नाम लेती ह ै हम� त ू याद करती ह,ै जदुा होना ही था हमसे �मली िफर �ह हम� �ो ं थी� बता दे ए गम-ए-िदल त ू ये कै सी बद-गुमानी ह,ै �मलाकर िदल को पहले �ह तार-तार करत े ह,� समझत े हम हमेशा ह � िक हमसे �ार करत े ह,� सं भालो ए सभी िदल को मोह�त करने �ालो ं तमु, िफरोज़ नाम क� भी �सी ही कु छ �ज़�गानी ह�ै