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यागराज ह
आशुतोष ;ीवातव
म
यागराज हूं। तीन पिव निदय गंगा, यमुना और सरवती का संगम। मुझे िवेणी, कभ नगरी, धम# की
नगरी भी कहा जाता है और कई सिदय तक इलाहाबाद क) नाम से भी जाना गया। म* इितहास बनने और
बदलने का सा+ी रहा हूं। मुगल से लेकर अं.ेज तक का राज म*ने देखा है। म*ने कई आ1मण झेले और
आजादी की लड़ाई का भी क34 रहा। िसयासी, धािम#क िवचार हमेशा मेरी जमीन पर आकार लेते और देश को नई िदशा
देने का काम करते, लेिकन म* बदला नह8। म* तब भी यागराज था और आज भी यागराज हूं।
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November, 2018