Grasshopper November, 2018 | Page 7

सज-धज कर तैयार ह। आप िचIJKस डM पर अपने बN4 को एक 5पेशल िगOट द और उQह इनम से िकसी एRयूजमट पाकS की सैर कराएं। हम दावे क साथ कह रहे ह िक आप बN4 क साथ अपना बचपन भी जी लगे वह भी नये अंदाज म। एक पंथ दो काज वाली कहावत .ासहॉपर की इस िवशेष 5टोरी म खरी सािबत हो रही है। िसनेमा क परदे पर UकVित क िबखरने वाले रंग4 को अगर िदल म बसाना चाहते ह4 तो इन िफIमी लोकशन पर ज>र जाएं जहां 'शोले' जैसी िफIम4 ने आकार िलया था और िफर इितहास रचा था। रोमांच का िसलिसला अभी थमेगा नह" थोड़ा िदल थाम कर बैिठए। साइिकल क घूमते पिहये आपकी धड़कन4 को बढ़ा दगे। देश ही नह" दुिनया भर क मशहूर साइिकल क िठकाने बस आपसे उZगली भर ही दूर ह। न िवCवास हो तो .ासहॉपर क प[े पलिटए और िफर बताइए िक हम सही ह या नह"। और हां, हम तो महसूस कर ही रहे ह \या आप भी महसूस कर रहे ह िक सरकते हुए नवRबर म अब ठZड को घमंड हो चला है। तो आइए न ठZड क घमंड को चूर-चूर करने क िलए गमG कपड़4 क बाजार4 की सैर कर। बात ित]बत बाजार की हो या िफर लुिधयाना की वूलेन होजरी या कCमीर क शाल4 की गमाGहट सब कछ आप .ासहॉपर क साथ कछ देर और ठहरने पर महसूस कर सक^गे, लेिकन इतनी क देर सफर म हमारे साथ रहने पर आपक पेट म भी चूहे क?दने लगे ह4गे। तो िफर चिलए न िदIली, जो पेट क रा5ते कब िदल म उतर आती है पता ही नह" चलता। िदIली क पराठM, आलू चाट व छोले भट_रे सुन सचमुच मुंह म पानी आ गया। .ासहॉपर क जायका वाले पड़ाव पर थोड़ा सु5ता ल िफर आगे बढ़K। अभी तो खजुराहो और पु`कर मेला भी आपक 5वागत म पलक पांवड़M िबछाये बैठा है। कछ दूरी पर उaराखंड भी राह रोक खड़ा है। लेिकन जरा ठहBरये तो सही आपको हमारा भी bयान है िक नह"। ऐसे तो हम थक जाएंगे बताते बताते... अरे आप भी तो प[े पलिटये। हम पूरा यकीन है िक .ासहॉपर क हर प[े पर आपकी आंख जानकाBरय4 का और खजाना तलाशगी और मुंह से िसफS यही िनकलेगा... चलो चलते ह लRबे सफर पर और यही तो हम चाहते ह। हां, एक बात और जब लौट कर आइएगा तो .ासहॉपर को अपने रोमांचक सफर क बारे म ज>र िलिखएगा। यकीन मािनये िक आपक िक5से को .ासहॉपर क अगले अंक का िह5सा बनाने म हम बेहद खुशी होगी। हमेशा की तरह आपक सुझाव और िशकायत4 क साथ इस बार .ासहॉपर को आपक सफरनामे की भी बेसdी से Uतीeा है। राहुल $ीवा&तव !बंध स)पादक *ासहॉपर क. नाम खत म इस बार नए साल पर बनारस घूमने का लान बना रहा था, लेिकन इसक आस-पास की िकसी भी जगह क बारे म मुझे कछ खास नह" पता था। बस यही तय िकया था िक दो िदन क िलए बनारस जाऊ)गा और वापस आ जाऊ)गा, लेिकन .ासहॉपर का शुि1या। अब मेरे पास ऐसी जगह4 की भी िल5ट है जो बनारस क पास ह और खूबसूरत भी। - अिनल पांडया ओखा, गुजरात मुझे शॉिपंग करने का बहुत शौक है। जब भी कह" घूमने जाती हूं तो अपने िलए तो शॉिपंग करती ही हूं, दो5त4 और BरCतेदार4 क िलए भी कछ न कछ ज>र लेकर आती हूं, पर मुझे तो पता ही नह" था िक Dवेलरी क िलए भी 5पेशली इतनी माकEFस ह। अब तो जब भी इन शहर4 म जाना होगा, पसG खाली कर क ही वापस आऊ)गी। -रम िसंह रायपुर, छीसगढ़ मने हमेशा अपने घर म ही िदवाली मनाई थी इसीिलए ऐसा लगता था िक िदवाली पर पूरे देश म गणेश ल:मी पूजन ही होता होगा और हर जगह इससे राम और रावण वाली कहानी ही जुड़ी होगी, लेिकन .ासहॉपर की 5टोरी पढ़ने क बाद ये पता चला िक िदवाली भी देश क अलग-अलग िह5स4 म अलग- अलग तरह से मनाई जाती है। अब कोिशश क>)गी िक देश क बाकी िह5स4 की भी िदवाली देख सक?)। - ेहा सगर कानपुर, उर !देश November, 2018 g 5