िज़ंदगानी िफर कहा
‘‘ सै िज़ं र द कर गी दु गर िनया कछ की रही ग़ािफ़ल
तो ये जवानी िफर कहाँ...
‘‘
गंगा क तट पर उमड़F हुए ह।
एक GFवलर क तौर पर आपक
िलए पहाड़ की िवEमयभरी
दुिनया ऋिषकश से ही शुH
हो जाती है।
Iहाइट रीवर राJटBग,
भIय आKम, योग,
पंचकमा9, गंगा आरती और
लजीज इजरायली, लेबनीज
और यूरोिपयन फLMस
क इस शहर की बात ही
िनराली है, लेिकन म अपनी
इस याNा म4 ऋिषकश को
िफर कभी बताने क िलए
यह- पर छोड़कर आगे बढ़
रहा हूं। मेरी डFJEटीनेशन ह
पौड़ी। गढ़वाल मंडल का
मुPयालय पौड़ी शहर। इस
यूं समिझए िक उQराखंड
को दो जोन म4 बांटा गया
है गढ़वाल और कRमांउ
मंडल। गढ़वाल मंडल म
उQराखंड क 5 पहाड़ी
सदय क तीक है पौड़ी क पहाड़
िजल समेत हDरTार
और देहरादून जैस
मैदानी िजले भी शािमल
ह। पौड़ी पर न कवल
UकVित ने नेमत4 बरसाई ह बJ
क यह शहर एक दौर म
राजनीितक और सांEकVितक गितिविधय का कXY भी रहा
छले िदन जब िद
ली तपने लगी थी, है। उQराखंड आंदोलन का िबगुल फLZकने वाले इस शहर
तब मई क पहले हते म अपने घर क पास इतराने क िलए कई उपलJ[धयां ह। खैर, मेरी कार
पहुंच गया। आपको म अपने साथ देवUयाग क िलए आगे बढ़ रही है। राEते म4 जगह-जगह
इस दफा अपने घर ही ले चल रहा देशभर से आए पय9टक की राट लहर पर तैरते हुए नजर
हूं। पहाड़ पर..िछतरे हुए गांव और िहमालय की तलहटी आ जाती ह और हमारा सफर जारी रहता है। देहरादून स
पर 16व- सदी की बसावट क बीच। तकरीबन साल भर पौड़ी का सफर तकरीबन 4 घंटF का है। 150 िकलोमीटर
दि0ण भारत क शहर म4 रहने और घमूने क बाद म वापस क इस सफर का एक बड़ा िहEसा गंगा क िकनारे से होकर
पहाड़ पर लौट रहा हूं। ऋिषकश से आगे बदरीनाथ माग9 गुजरता है एक िहEसा गंगा क दोन ओर फौलाद की तरह
की सप:ली सड़क पर मेरी कार पहाड़ पर चढ़ रही थी खड़F पहाड़ क ऊपर...
और गंगा मैदान की =यास बुझाने क िलए मैदान म4 उतर
पहला पड़ाव: देव याग
रही थी। हम दोन ने एक-दूसरे को देखा और यकीन
देहरादून से पौड़ी की ओर जाते हुए पहला अहम पड़ाव
मािनए ये अहसास िबछड़कर िमलने जैसा था। गंगा को
कलकल बहता देखकर ही मन तरोताजा हो जाता है। गंगा देवUयाग है। देवUयाग बेहद मह`वपूण9 Eथान है। यह- स
की कहानी इसी सफर म4 आगे सुनाउBगा। टCDरEट इन िदन भागीरथी और अलकनंदा िमलकर आगे गंगा क नाम स
िप
मैदान को स-चने क िलए इकaा होकर आगे का सफर
शुH करती ह। एक bांित है िक गंगा गोमुख ने िनकलती
है, लेिकन गोमुख से गंगा नह- भागीरथी िनकलती है और
बदरीनाथ से होकर आने वाली अलकनंदा जब देवUयाग
म4 भागीरथी नदी से िमलती है, तब उसका नाम गंगा हो
जाता है। भागीरथी नदी पर ही िटहरी डcम बना है। वही डcम
जो एक पुराने पहाड़ी शहर क साथ ही सभयता क एक पूर
दौर को िनगल गया। ऐसे ही Kीनगर क पास अलकनंदा म
भी एक डcम बना है। दोन ही निदय म4 कई हाइeो पावर
Uोजेfgस पर काम भी चल रहा है। पया9वरण को िनगलत
हुए िवकास की नई इबारत कhसे रखी जा रही है, यह सब
देखने क िलए आपको पहाड़ पर पहुंचना होगा। आप
सोच रहे हगे िक हम देश—दुिनया की सैर पर िनकल
रहे ह या िफर समाज की िफi करने...पर fया कीिजएगा
िबना नजDरए क घूमने का भी तो काई लाभ नह-। ऐस
घुमfकड को देखकर मुझे उन िकसान की याद आती ह
जो सुदूर राजEथान, पंजाब और दि0ण भारत म4 बसे हुए
अपने गांव से Kjा िलए हुए पहाड़ पर हांफते हुए आते ह
और अपनी जमा—पूंजी गंवाने क बाद कवल इस सुकLन
से वापस लौट जाते ह िक उXहने ईkवर क दश9न कर
िलए। माफ कीिजएगा ईkवर ने हम4 इस खूबसूरत दुिनया
को देखने क िलए भी तो भेजा है न। िफर भला हम उस
fय न देख4...
घुमfकड़ी आपको यही सब कRछ तो बताती है, जो
िकताब म4 कRछ और ही दज9 िकया गया है। बहरहाल,
पंचUयाग म4 से एक देवUयाग म4 रहने की भी शानदार
सुिवधाएं मौजूद ह। आपकी जेब म4 पैसा है तो आप एक
शाम इस छोटF से पहाड़ी कEबे म4 गंगा की लहर क िकनार
रामकRZड Dरजॉटm म4 गुजार सकते ह। आपक पास थोड़F कम
पैसे ह तब भी कोई मलाल नह-, आपको सEते सराय भी
यहां पर िमल जाएंगे। चार—धाम याNा का भी यह अहम
पड़ाव है।
देवUयाग से हम बदरीनाथ माग9 को छोड़कर पौड़ी
क सफर पर िनकल पड़ते ह। यहां से पौड़ी का सफर
बामुJkकलन 49 िकमी रह जाता है। इसक अलावा
एक दूसरा जDरया भी है पौड़ी पहुंचने का और उसक
िलए आपको बदरीनाथ माग9 पर ही देवUयाग से अगल
शहर Kीनगर पहुंचना होगा। Kीनगर गढ़वाल म4 िश0ा
क मह`वपूण9 कXY म4 से एक है। अलकनंदा क िकनार
बसे इसी शहर म4 गढ़वाल िवkविवTालय, एनआईटी और
वीर चंY िसंह गढ़वाली मेिडकल कॉलेज जैसे शै0िणक
संEथान मौजूद ह। देशभर क EटCडoट इस शहर का pख
करते ह।
June, 2018
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