क��पटी फॉल
सुवाखोली
बेिदनी बु�याल मसूरी
लगाने क� साथ प�थर� पर बैठकर पानी का आनंद ले सकते ह� । बेिदनी बु�याल तक सड़क नह� है । अतः पूरा रा�ता पैदल ही तय करना पड़ता है । सैलािनय� को यहां आने क� िलए अपने साथ गम� कपड़� , ट�ट , ��िक�ग शूज , पीने का पानी , पैक खाना और दवाई आिद लेकर चलना चािहए । एक बार यहा पहुंचने क� बाद आप वापस लौटना नह� चाह�गे । कारण है िक वािदय� म� िखले रंग-िबरंगे फ�ल� की मदहोश करती खुशबू , दूर तक फ�ली मुलायम हरी घास की चादर� सैलािनय� को मदम�त कर देती ह� ।
मई-जून है सबसे सही समय
गम� से िनजात िदलाने क� िलए यह अ�छी जगह है । 40 िड�ी से ऊपर चल रहे तापमान क� मौसम म� ठ�डक भरे क�छ पल िबताने ह� तो बेिदनी बु�याल का जबाव नह� । फरवरी- माच� क� महीने से बफ� िपघलनी शु� होती है । तब �थानीय लोग अपने पालतू पशु� को चारागाह� म� चराने क� िलए िनकल पड़ते ह� । यहां िदन का मौसम तो सुहाना होता ही है , यहां की रात� भी गम� क� मौसम म� क�पाने वाली होती ह� ।
यहां आने का सही समय मई-जून और िसतंबर-अ�ट�बर क� महीने ह� । यहां पहुंचने क� िलए ऋिषक�श या नैिनताल से मंडोली होते हुए �पक��ड तक वाहन� से पहुंचा जा सकता है । यहां से आगे का रा�ता पगड�िडय� से जुड़ा है ।
सुवाखोली : यहां कर ल� थोड़ा आराम
पहाड़ी रा�त� म� सफर क� दौरान थकान िमटाने का इससे अ�छा �थान और �या हो सकता है । मसूरी से लगभग 10 िकलोमीटर दूर एक खुबसूरत चौराहा सुवाखोली पड़ता है । यहां पयट�क ठहरते ह� तरोताजा होते ह� । घंट� गाड़ी चलाने की थकान यहां क� नजार� से उतर जाती है । अगर आपने यहां क�छ घंट� गुजार िलये तो िफर आपका यहां से जाने का मन ही नह� करेगा । सड़क क� दोन� ओर दूर दूर तक फ�ली ह�रयाली न िसफ� आंख� को सुक�न देती है ब��क मन भी तरोताजा हो जाता है । पय�टक� से �य�त यह जगह उन लोग� क� िलए �यादा सुिवधाजनक है जो िटहरी-उ�रकाशी �ट पर सफर करते ह� और वह या�ी जो मसूरी से होते हुये यमुनो�ी धाम की तरफ जाते ह� ।
यहां िमलता है बुरांस , िमंट और मा�ट� का जूस
यहां �कने वाले याि�य� को जो चीज सबसे �यादा आकिष�त करती ह� वह ह� यहां िबकने वाला बुरांस , िमंट और मा�ट� क� जूस । यह जूस रा�य क� फ�ल बुरांस और धनौ�टी-काणाताल बे�ट पर उगने वाले िमंट यािन पुदीना से तैयार िकए जाता ह� । इसक� अलावा इन दुकान� पर िबकने वाले मा�टा , खासतौर से चमोली िजले से आता है । सुआखोली म� सजी इन दुकान� पर इन जूस क� अलग-अलग साइज और दाम की बोतल� िमलती ह� , जैसे िक 750िम . ली से 500 लीटर , जो 100�पये से लेकर 400 / - तक की ह� । यहां क� आिथ�क िवकास म� जूस �यवसाय का भी बड़ा योगदान है । मसूरी या अ�य जगह� पर जाने वाले सुआखोली म� जूस की वजह से भी �कना पसंद करते ह� । इससे बेहतर �या होगा िक उ�राखंड आने वाले पय�टक जाते समय देवभूिम की असली पहचान और िमठास अपने साथ लेकर घर लौट� । जब भी सूआखोली से गुज़र� देवभूिम की िमठास ज�र लेकर जाएं ।
April-May , 2018 g
15