के मुखयमंत्ी के रूप में उसे प्रगति-पथ पर िञाने और विकञास को गति देने में उनके अपूर्व योगदञान को सदैव समरण कियञा जञाएगञा । सञामञावजक रूप से पिछड़ी किनतु सेिञा भञाि के महञान लक्य को चरितञाथ्य करती नञाई जञावत में जनम लेने िञािे इस महञानञायक ने रञाजनीति को भी जन सेिञा की भञािनञा के सञाथ जियञा ।
कर्पूरी ठञाकुर को मरणोपरञांत सिगोच्च नञागरिक सम्मान भञारतरत् से सम्मानित किए जञाने के बञाद प्रधञानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने कहञा कि हमञारे जीवन पर कई लोगों के वयषकतति कञा प्रभञाि रहतञा है । जिनसे हम मिलते हैं , हम जिनके संपर्क में रहते हैं , उनकी बञातों कञा प्रभञाि पडऩञा स्वाभञाविक है । कुछ ऐसे वयषकत भी होते हैं जिनके बञारे में सुनकर ही आप उनसे प्रभञावित हो जञाते हैं । मेरे लिए ऐसे ही रहे हैं जननञायक कर्पूरी ठञाकुर । उनहोंने कहञा कि मुझे कर्पूरी जी से कभी मिलने कञा अवसर तो नहीं वमिञा , लेकिन उनके सञाथ करीब से कञाम करने िञािे कैिञाशपति मिश्र से मैंने उनके बञारे में बहुत-कुछ सुनञा है । सञामञावजक न्याय के लिए कर्पूरी बञाबू के प्रयञासों से करोड़ों लोगों के जीवन में बड़ा बदिञाि आयञा । उनकञा संबंध नञाई समञाज , यञानी समञाज के अति पिछड़े वर्ग से थञा । उनहोंने चुनौतियों को पञार करते हुए उपिषबधयञां हञावसि कीं और तञाउम्र समञाजोत्थान में जुटे रहे । उनकञा जीवन सञादगी और सञामञावजक न्याय को समर्पित रहञा ।
उनहोंने कहञा कि कई किससे हैं , जो उनकी सञादगी की मिसञाि हैं । उनके सञाथ कञाम करने िञािे यञाद करते हैं कि कैसे वह इस पर जोर देते थे कि उनके किसी भी वयषकतगत कञाय्य में सरकञार कञा एक पैसञा भी इसतेमञाि न हो । ऐसञा ही िञाकयञा बिहञार में उनके मुखयमंत्ी रहने के दौरञान हुआ । तब रञाजय के नेतञाओं के लिए कॉलोनी बनञाने कञा निर्णय हुआ थञा , लेकिन उनहोंने अपने लिए कोई जमीन नहीं ली । जब भी उनसे पूछञा जञातञा कि आप जमीन कयों नहीं ले रहे हैं , तो वह बस विनम्रतञा से हञाथ जोड़ लेते । 1988 में उनके निधन पर श्रद्धञांजलि देने कर् पूरी जी के गञांव आए नेतञाओं की आंखों में आंसू उनके घर की हञाित देखकर आ गए कि इतने ऊंचे पद पर रहे वयषकत
कञा घर इतनञा सञाधञारण कैसे हो सकतञा है । उनकी सञादगी कञा एक और किस्सा 1977 कञा है , जब वह बिहञार के मुखयमंत्ी बने । तब लोकनञायक जयप्रकञाश नञारञायण के जनमवदन पर कई नेतञा पटनञा में एकवत्त हुए । वहञां मौजूद मुखयमंत्ी कर् पूरी बञाबू कञा कुतञा्य फटञा हुआ थञा । ऐसे में चंद्रशेखर जी ने अपने अनूठे अंदञाज में लोगों से कुछ पैसे दञान करने की अपील की , तञावक कर् पूरी ठञाकुर नयञा कुतञा्य खरीद सकें । कर् पूरी जी तो कर् पूरी जी ही थे । उनहोंने मिसञाि कञायम कर पैसञा तो सिीकञार कर लियञा , लेकिन उसे मुखयमंत्ी रञाहत कोष में दञान कर दियञा ।
प्रधञानमंत्ी मोदी ने कहञा कि सञामञावजक न्याय कर्पूरी जी के मन में रचञा-बसञा थञा । उनहें ऐसे प्रयञासों के लिए जञानञा जञातञा है , जिनमें सभी में संसञाधनों कञा समञान वितरण हो । आदशषों की प्रतिबद्धतञा ऐसी थी कि उस कञािखंड में भी जब सब ओर कञांग्ेस कञा रञाज थञा , उनहोंने कञांग्ेस विरोधी िञाइन पर चलने कञा फैसिञा कियञा । उनहें कञाफी पहले ही इसकञा अंदञाजञा हो गयञा थञा कि कञांग्ेस अपने बुनियञादी वसद्धञांतों से भटक गई है । कर्पूरी जी की चुनञािी यञात्रा 1950 के दशक के प्रञारंभिक िषषों में शुरू हुई । वह श्रमिकों , छोटे किसञानों और युिञाओं के संघर्ष की सशकत आिञाज बने । वह स्थानीय भञाषञाओं में शिक्षा के पैरोकञार थे । डेमोरिेसी , डिबेट और डिसकशन तो कर्पूरी जी के वयषकतति कञा अभिन्न हिस्सा थञा । उनहोंने देश पर जबरन थोपे गए आपञातकञाि कञा भी पुरजोर विरोध कियञा । जेपी , डॉ . लोहियञा और चरण सिंह जी जैसी विभूतियञां भी उनसे प्रभञावित हुई थीं । पिछड़े और वंचित िगषों को सशकत बनञाने कञा उनहोंने पूरञा तंत् तैयञार कियञा थञा । उनहें उममीद थी कि एक न एक दिन इन िगषों को भी वे प्रतिनिधिति और अवसर जरूर दिए जञाएंगे , जिनके वह हकदञार थे । हञािञांकि उनके इस कदम कञा कञाफी विरोध हुआ , लेकिन वह किसी भी दबञाि के आगे झुके नहीं ।
उनहोंने कहञा कि उनके नेतृति में समञािेशी समञाज की मजबूत नींव डञािने िञािी नीतियञां िञागू की गईं । ऐसी नीतियञां , जहञां किसी के जनम से उसके भञागय कञा वनधञा्यरण नहीं होतञा हो । वह
समञाज के सबसे पिछड़े वर्ग से थे , लेकिन कञाम सभी िगषों के लिए कियञा । हमञारी सरकञार जननञायक कर्पूरी ठञाकुर से प्रेरणञा लेते हुए निरंतर कञाम कर रही है । यह हमञारी नीतियों और योजनञाओं में भी दिखञाई देतञा है , जिससे देशभर में सकञारञातमक बदिञाि आयञा है । भञारतीय रञाजनीति की सबसे बड़ी त्रासदी यह रही थी कि कर्पूरी जी जैसे कुछ नेतञाओं को छोड़कर सञामञावजक न्याय की बञात बस एक रञाजनीतिक नञारञा बनकर रह गई थी । उनके विजन से प्रेरित होकर हमने इसे एक प्रभञािी गिननेंस मॉडल के रूप में िञागू कियञा । विश्वास और गर्व से कह सकतञा हूं कि भञारत के 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बञाहर निकञािने की उपिषबध पर आज कर्पूरी जी जरूर गौरवान्वित होते । इनमें समञाज के सबसे पिछड़े तबके के लोग सबसे ज्यादञा हैं , जो आजञादी के 70 सञाि बञाद भी बुनियञादी सुविधञाओं से वंचित थे । हमञारे प्रयञास सञामञावजक न्याय के प्रति सरकञार के संकलप को दिखञाते हैं । आज जब मुद्रञा लोन से पिछड़े , अनुसूचित जञावत एवं अनुसूचित जनजञावत के लोग उद्मी बन रहे हैं , तो यह कर्पूरी जी के आर्थिक सितंत्तञा के सपनों को पूरञा कर रहञा है ।
उनहोंने कहञा कि यह हमञारी सरकञार है , जिसने पिछड़े , अनुसूचित जञावत एवं अनुसूचित जनजञावत आरक्ण कञा दञायरञा बढ़ायञा है । हमें ओबीसी आयोग ( दु : ख की बञात है कि कञांग्ेस ने इसकञा विरोध कियञा थञा ) की स्थापनञा करने कञा भी अवसर प्रञापत हुआ , जो कर्पूरी जी के दिखञाए रञासते पर कञाम कर रहञा है । पिछड़े वर्ग से तञालिुक रखने िञािे एक वयषकत के रूप में मुझे जननञायक कर्पूरी ठञाकुर जी के जीवन से बहुत कुछ सीखने को वमिञा है । मेरे जैसे अनेकों लोगों के जीवन में कर्पूरी बञाबू कञा प्रतयक् और अप्रतयक् योगदञान रहञा है । दुभञा्यगयिश , हमने कर्पूरी ठञाकुर जी को 64 वर्ष की आयु में ही खो दियञा । हमने उनहें तब खोयञा , जब देश को उनकी सबसे अधिक जरूरत थी । आज भले ही वह हमञारे बीच नहीं हैं , लेकिन जन-कल्याण के अपने कार्यों की वजह से करोड़ों देशिञावसयों के दिल और दिमञाग में जीवित हैं । वे एक सच्चे जननञायक थे । �
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