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आरएसएस ने फिर किया दलित आरक्षण का पुरजोर समर्थन
दत्ात्ेय होसबोले ने कहा , दलितों के बगैर अधूरा भारत का इतिहास ' जब तक समाज का एक खास वर्ग गैरबराबरी का अनुभव करता है , तब तक जारी रहे आरषिण '— दत्ात्ेय होसबोले
बीरेन्द्र कुमार चौधरी vk
रषिर पर रा्ट्ी् स्वयंसेवक सयंघ के विचारों को लेकर अकसर विपषिी दल राजनीतिक लाभ के लिए उंगलियायं उठाते रहते हैं और सयंघ को आरषिर विरोधी बताने का भ्ामक दु्प्रचार करते रहते हैं । वह भी तब जबकि आरएसएस की ओर से तमाम मयंचों और मौकों पर लगातार यह कहा जाता रहा है कि वह समाज में आरषिर की व्वसथा का पुरजोर समर्थन करता है और इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव पर विचार करने के पषि में भी नहीं है । इसी कड़ी में सयंघ के सह-सरकार्यवाह दत्तारिे् होसबोले ने एक बार फिर जोर देकर कहा है कि सयंघ आरषिर का पुरजोर समर्थन करता है । आरषिर को लेकर सयंघ की सोच को दो — टूक लहजे में सामने रखते हुए होसबोले ने कहा कि भारत का इतिहास दलितों के इतिहास से अलग नहीं है बषलक दलितों के इतिहास के
बिना , भारत का इतिहास अधूरा है । होसबोले ने साफ कहा कि वह और उनका सयंगठन रा्ट्ी् स्वयंसेवक सयंघ आरषिर के पुरजोर समर्थक हैं ।
' दलितों के बगैर अधूरा भारत का इतिहास '
दत्तारिे् होसबोले ने कहा कि आरषिर सकारातमक कार्रवाई का जरिया है और जब तक समाज का एक खास वर्ग गैरबराबरी का अनुभव करता है , तब तक इसे जारी रखा जाना चाहिए । भारत के इतिहास के दलितों के इतिहास के बगैर अधूरा होने का लजक करते हुए होसबोले ने कहा कि दलितों का समाज हमेशा से सामाजिक परिवर्तन में अग्रणी रहा है । ' मेकर्स ऑफ मॉर्डन दलित लहसट्ी ' शीर्षक वाली एक किताब के विमोचन के लिये इयंलिया फाउंि़ेशन की ओर से आयोजित एक का््णकम को सयंबोधित करने के कम में दलित समाज के लिए लागू मौजूदा आरषिर व्वसथा की बात करते हुए होसबोले ने साफ कहा कि वह और उनका सयंगठन रा्ट्ी् स्वयंसेवक सयंघ आरषिर के पुरजोर समर्थक हैं । उनहोंने दलितों के उतथान के लिए आरषिर की व्वसथा को अनिवार्य बताते हुए इस मामले में सयंघ की सोच को सप्ट करते हुए कहा कि सामाजिक सौहार्द और सामाजिक न्ा् हमारे
लिए राजनीतिक रणनीतियायं नहीं हैं बषलक ये दोनों हमारे लिए आसथा की चीज हैं ।'
' बराबरी आने तक जारी रहे आरक्षण '
भारत के लिए आरषिर को एक ऐतिहासिक जरूरत बताते हुए होसबोले ने कहा कि यह तब तक जारी रहना चाहिए , जब तक समाज के एक वर्ग विशेष की ओर से असमानता का अनुभव किया जा रहा है ।' आरषिर को ' सकारातमक कार्रवाई ' का साधन बताते हुए होसबोले ने कहा कि आरषिर की व्वसथा भी जारी रहनी चाहिए और समाज के सभी वगगों के बीच समनव् का काम भी साथ-साथ ही चलना चाहिए । आरषिर और सामाजिक समनव् के बीच सयंतुलन बिठाने की आव््कता पर बल देते हुए उनहोंने यह भी कहा कि समाज में सामाजिक बदलाव का नेतृतव करने वाली विभूतियों को ' दलित नेता ' कहना गलत होगा , क्ोंकि वे पूरे समाज के नेता थे ।
संघ हमेशा रहा आरक्षण समर्थक
राजनीतिक लाभ के लिए विरोधियों द्ारा सयंघ के खिलाफ किए जाने वाले कई मसलों पर भ्ामक दु्प्रचारों में दलित समाज और दलित आरषिर का मामला भी अकसर शामिल रहता है । ऐसे में सयंघ का दृष्टकोण सप्ट करते हुए एक बार फिर होसबोले ने कहा कि सयंघ परिवार हमेशा से दलित समाज के लिए किए गए आरषिर की व्वसथा का पुरजोर समर्थन करता रहा है । उनहोंने कहा कि जब हम समाज के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वगगों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हैं तो निश्चत रूप से आरषिर जैसे कुछ पहलू सामने आते हैं । उनहोंने बताया कि मेरा सयंगठन और मैं दशकों से आरषिर के प्रबल समर्थक रहे हैं । होसबोले ने याद दिलाया कि जब कई परिसरों में आरषिर विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे , तब हमने पटना में आरषिर के समर्थन में एक प्रसताव पारित किया और एक चर्चा भी आयोजित की थी । �
flracj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 5