doj LVksjh
ही रामगणेश स्ान आदि करके का््णकम के लिए तैयार हो गए । का््णकम में जाने के लिए सभी अपनी वेशवूषा में तैयार हुए तो रामगणेश ने भी अपने सिर पर केशरिया रयंग की पगड़ी बायंध ली । उनहें प्रदेश सरकार के विशेष वाहन से लाल किला ले जाया गया । सुबह पायंच बजे वह लालकिला परिसर में पहुयंच गए । सवतंत्रता दिवस के समारोह में शामिल होने के बाद देर शाम उनहोंने वापसी की ट्रेन पकड़ ली ।
सम््ि से अभीभूत हैं सभी वनटांगिया
गोरखपुर के तिनकोनिया जयंगल गायंव के ग्रामीण उतसालहत हैं कि रामगणेश ने समूचे वनटायंलग्ा समुदाय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया । वनटायंलग्ा गायंववासियों के उतसाह , उमयंग और उलिास का सहज अयंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लाल किला पर सवाधीनता समारोह में शामिल होने के बाद जब सोमवार , यानी 16 अगसत को सुबह रामगणेश दिलिी से अपने गायंव पहुयंचे तो ग्रामीणों ने तिलक लगाकर व मिठाई खिलाकर उनका सवागत किया । रामगणेश सहित सभी ग्रामीण प्रधानमंत्री मोदी व मुख्मंत्री योगी का आभार व्कत कर रहे हैं । वनटायंलग्ा गायंव के निवासियों का कहना है कि आज मोदी और योगी की बदौलत ही समाज में वनटायंलग्ों का मसतक सममान के साथ ऊंचा हुआ है । गायंव वाले तो इसी से उतसालहत हैं कि वनटायंलग्ों की कई पीढ़ी तक यह कहानी सुनाई जाएगी कि यहायं का एक बेटा लाल किला समारोह में बतौर लवलश्ट अतिथि के रूप में शामिल हुआ था ।
योगी आदित्यनाथ ने दिलाई वनटांगियों को
उनकी पहचान लगभग सौ सालों तक शासन , प्रशासन और
समाज की उपेषिा का दयंश झेलते रहे वनटायंलग्ों को भारतीय गणतंत्र के नागरिक के रूप में उनकी पहचान दिलाने का श्े् योगी आदित्नाथ को ही है । बर्तानिया हुकूमत में 1918 के आसपास
साखू के जयंगलों को लगाने वाले ये लोग आजाद भारत में भी राजसव अभिलेखों में दर्ज ही नहीं थे । इनहें इनकी पहचान दिलाने के लिए योगी को लगातार सड़क से लेकर सयंसद तक सयंघर्ष करना पड़ा । आगे चलकर 2017 में योगी मुख्मंत्री बने तो उनहोंने वनटायंलग्ा गायंवों को राजसव ग्राम घोषित कर उनहें अधिकार दिलाया । उनहें समाज और विकास की मुख्धारा से जोड़ा । जयंगल में बसी वनटायंलग्ा बषसत्ों में शहर सरीखी सुविधाओं की सौगात दी । यही वजह है कि , वनटायंलग्ा समुदाय के लोग योगी को अपना मसीहा मानते हैं । वनटायंलग्ा गायंवों में सीएम योगी की पहचान बाबाजी , महाराजजी के रूप में है तो यहायं के बच्ों के लिए वह टॉफी वाले बाबा हैं । रामगणेश का कहना है कि हम लोगों पर बाबाजी की नजर नहीं पड़ी होती तो हम जयंगलों में ही मरते-खपते रहते । उनहोंने तो हम लोगों को ' जयंगली ' से ' इयंसान ' बना दिया । रामगणेश के मुताबिक 100 साल तक बीच जयंगल में उपेलषित रहे वनग्रामों के निवासियों को समाज व विकास की मुख्धारा में लाने का श्े् सीएम योगी को ही है ।
वनटांगियों के प्रति सीएम योगी का विशेष लगाव
हालायंलक यह कोई अचानक नहीं हुआ है कि वनटायंलग्ा समुदाय को इस तरह से सममालनत किया गया है । बषलक वनटायंलग्ों को उनकी पहचान और उनका सममान ही नहीं बषलक नागरिक के तौर पर उनहें उनका अधिकार दिलाने के लिए योगी आदित्नाथ आरयंभ से ही प्रयत्नशील रहे हैं । वनटायंलग्ा समुदाय के लोगों के प्रति मुख्मंत्री योगी आदित्नाथ का उनके सयंसदीय कार्यकाल से ही विशेष लगाव रहा है । बतौर सायंसद उनहोंने वनटायंलग्ों की बदहाली दूर करने के लिए निजी तौर पर लशषिा व सवास्थ् सुविधा उपलबध कराने की पहल की । वनटायंलग्ों की लशषिा के लिए असथा्ी सकूि बनाने की कवायद में योगी मुकदमा तक झेल चुके हैं । सायंसद के रूप में उनके बीच ही दिवाली मनाना शुरू किया जो उनके मुख्मंत्री बनने के बाद
भी निर्बाध जारी है । दिवाली पर योगी जिस भी वनटायंलग्ा गायंव जाते हैं वहायं सबके घर जाकर मिठाई और उपहार देते हैं । उनके साथ खाना खाते हैं । 2017 में मुख्मंत्री बनने के बाद से तो उनहोंने
योगी ने बदल दी वनटांगिया गांवों की सूरत
2017 में मुख्मंत्री बनने के बाद से तो योगी आदित्नाथ ने वनटायंलग्ा गायंवों की दशा ही बदल दी है । गोरखपुर के कुसमही जयंगल के तिकोनिया नमबर तीन , रजही खाले टोला , रजही नर्सरी ,
आमबाग नर्सरी और चिलबिलवा के जो वनटायंलग्ा आजादी के सत्तर दशक बाद तक बुनियादी सुविधाओं को तरसते थे , आज सीएम की इनायत से शहर सरीखी सुविधाओं के बीच सुखमय जीवन बिता रहे हैं । इन वनग्रामों को राजसव ग्राम घोषित कर इनहें राजसव अभिलेखों में शामिल किया । आज वनटायंलग्ा गायंवों में हर परिवार के पास पीएम-सीएम आवास योजना के तहत पकका मकान हैं । सभी घरों में सवचछ भारत मिशन के तहत शौचालय है । सबके पास राशनकार्ड है , उज्विा योजना के अयंतर्गत निशुलक रसोई गैस की सुविधा है , तो सौभाग् योजना के निशुलक
18 दलित आं दोलन पत्रिका flracj 2021