eMag_Sept-Oct 2023_DA | Page 23

शिषों के संबंध में था । ्परंतु डा . अंबेडकर को जिस चीज के लिए लंबे समय तक याद रखा जाएगा , वह था वैधानिक कलयाण कोषों की स्थापना और सामाजिक बीमा के क्षेत् में उठाए गए महतव्पदूण्त कदम । डा . अंबेडकर , आधुनिक भारत के लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ गए । संविधान ्पारित होने के ्पहले अ्पने आखिरी भाषण में डा . अंबेडकर ने कहा कि 26 जनवरी , 1950 से हमारे राजनीतिक क्षेत् में समानता किंतु सामाजिक और आर्थिक क्षेत् में असमानता रहेगी । जल् से जल् हमें इस विरोधाभास को ्दूर करना होगा । इस तरह देखा जाए तो एक अनुसदूतचि समाज के वयसकि डॉ आंबेडकर ने वर्तमान भारत की नींव रखी थी ।
भारत की राजनीति में अनुसदूतचि जाति के नेताओं का अ्पना महतव्पदूण्त योगदान रहा है । ऐसे नेताओं में सबसे ्पहला नाम तो डा . अंबेडकर का लिया जा सकता है , जिनहोंने लोकतंत् को मजबदूि बनाने के लिए एक ऐसे संबिधान का निर्माण किया , जो न केवल भारत
का , बसलक ्पदूरे विशव के सर्वश्ेसठ संविधान के रू्प में देखा जाता हैI डॉ आंबेडकर के अलावा जगजीवन राम ने अ्पने समय में दलित समाज के हालत को बदलने की कोशिश अ्पने ढंग से करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । डॉ आंबेडकर के अलावा जगजीवन राम ने अ्पने समय में दलित समाज के हालात को बदलने की कोशिश अ्पने ढंग से करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । नेहरू के नेतृतव में गठित प्रथम लोकसभा में बाबदूजी ने श्म मंत्ी के रू्प में देश की सेवा की । जगजीवन राम एक ऐसे महान वयसकि थे जिनहोंने श्म , रेलवे , ककृतर , संचार व रक्षा मंत्ालय का कार्यभार संभाला और देश को तरककी तक ्पहुंचाने का अथक प्रयास किया है । श्म मंत्ी के रू्प में उनहोंने समय द्ारा जांचे-्परखे कुछ महत्त्वपूर्ण कानदूनों इंिससट्रयल डिसप्यूट्स एकट- 1947 , मिनिमम वेजेज़ एकट-1948 , इंडियन ट्रेड यदूतनयन ( संशोधन ) एकट-1960 , ्पेयमेंट ऑि बोनस एकट-1965 , एमपलाइज सटेट इंशयोरेंस एकट-1948 , प्रोविडेंट ि्ि एकट-1952 को लागदू किए जो कि मज्दूर वर्ग की सबसे बड़ी उममी् व आज के युग में सबसे बड़े हथियार के रू्प में देखे जाते हैं ।
इसी तरह उनहोंने निजी विमान कम्पनियों के राषट्रीयकरण की ओर कदम बढ़ाए । ्परिणामसवरू्प वायु सेना निगम , एयर इंडिया व इंडियन एयरलाइनस की स्थापना हुई । गाँवों में डाकखानों का जाल बिछाने की बात भी उनहोंने कही व नेटवर्क के विसिार का चुनौती्पदूण्त कार्य आरमभ किया । डा अंबेडकर ने एक शानदार संविधान के जरिए इस ्परिवर्तन का ब्लूप्रिंट ्पेश किया लेकिन ये कांशीराम ही थे , जिनहोंने इसे राजनीति के धरातल ्पर उतारा । उनहोंने उन दलित नेताओं की आलोचना की जो कांग्ेस जैसी ्परं्परागत मुखयिारा की ्पाटटी के लिए काम करते थे । मायावती ने कांशीराम की राजनीति को आगे बढ़ाया और बस्पा को राजनीति में एक ताकत के रू्प में खड़ा किया । इसी कड़ी में के आर नारायण सहित अनय तमाम दलित नेताओं को देखा जा सखि है , जिनहोंने अ्पने अ्पने तरीके से दलित समाज के साथ ही राषट्र के विकास के
लिए काम किया I
भारत के आर्थिक विकास के लिए डा . अंबेडकर ने सर्वाधिक महतव्पदूण्त भदूतमका का निर्वाह किया था । वर्तमान भारत के आर्थिक विकास को उनकी सोच का ही ्परिणाम कहा जा सकता है । इसी प्रकार आर्थिक योगदान ्पर निगाह डाले तो ्पिा चलता है कि सविंत्िा के बाद देश में दो-तीन दलित चैमबर ऑफ कामर्स बनाए गए , ्पर वह आज भी तनसषरिय ्पड़े है । ्परनिु एक अनय दलित युवक मिलिंद कांबले ने दलित चैमबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंिसट्री की स्थापना कर दलित समुदाय के उद्तमयों और कारोबारियों को एकजुट करने का सफल प्रयास किया । नयी ्पीढ़ी के दलित नेताओं के आह्ाहन ्पर प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी की मुद्रा योजना के माधयम से हर साल हर साल हज़ारों दलित ; उद्मी बन रहे हैं और अ्पने घर-्परिवार , समुदाय-समाज के साथ-साथ देश के विकास में महतव्पदूण्त भदूतमका निभाने लगे हैं ।
डा . अंबेडकर को एक ऐसे दलित नेता के रू्प में देखा जा सकता है कि जिनहोंने सामाजिक क्षेत् में दलितों को ताकत देने का काम भी किया । डॉ अंबडेकर के बाद कई ऐसे नेता हुए जिनहोंने अ्पने अ्पने ढंग से भारत और दलित समाज में ्परिवर्तन लाने में अ्पनी भदूतमका निभाई । ऐसे नेताओं में प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी का नाम भी लिया जाता है । भाज्पा और भाज्पा नेता नरेंद्र मोदी के कायषों का ही नतीजा कहा जा सकता है कि वर्तमान में भाज्पा के सर्वाधिक सांसद और विधायक दलित समाज से है । प्रधानमंत्ी मोदी उस स्पने को लेकर दिन रात काम कर रहे हैं , जिससे दलित समाज की सम्पदूण्त ससरतियों में इस तरह का ्परिवर्तन किया जा सके जिससे दलित समाज को उनकी दर्दनाक ससरतियों से छुटकारा मिल सके और वह समाज में अतग्म भदूतमका में आकर भारत के समग् विकास में अ्पनी भदूतमका का निर्वाह कर सके । फिलहाल मोदी सरकार जिस तरह से दलित समाज के विकास के लिए काम कर रही है , उससे ऐसा लगता है कि जल् ही यह स्पना ्पदूरा होगा और इसके बाद भारत को ्पदूरे विशव का राजगुरु बनने से कोई रोक नहीं सकेगा । �
flracj & vDVwcj 2023 23