eMag_Nov2023_Dalit Andolan Patrika | Page 9

ऐद्तहासिक कहा जा सक्ता है क्योंकि खाद्य पदाथथों और दवाइ्यों के प्रमाणन के लिए भार्त सरकार और प्रदेश सरकार करी वैध संसथाएं पहले से हरी काम कर रहरी है । इनमें भार्तरी्य खाद्य संरषिा एवं मानक प्राधिकरण शरीषमा संसथा है जो खाद्य मानकों को निर्धारर्त और शिका्य्त मिलने पर जांच भरी कर्तरी है । ऐसे में हलाल के नाम एक समानां्तर व्यवसथा बनाने को कोई अर्थ नहीं है , बसलक ्यह व्यवसथा न केवल धार्मिक रूप से आपत्तिजनक है , बसलक लोक्तंत् और संविधान के लिए भरी बड़री चुनौ्तरी है । इससे पहले राजधानरी दिल्ली में ददषिण दिल्ली नगर निगम ने भरी अपने षिेत्ादधकार
में मौजूद सभरी होटलों के लिए हलाल ्या झटका मांस करी जानकाररी सार्वजनिक रूप से ग्ाहकों को देना अनिवा्यमा कर दद्या है । प्रश्न ्यह है कि हलाल क्या है ? हलाल ्तंत् के माध्यम से किस प्रकार से पूरे देश में मुससलम धर्म के दह्तों को पोदष्त दक्या जा रहा है ? साथ हरी हलाल ्तंत् हिनदू धर्म विरुद्ध कैसे है ? ्यह भरी समझना आवश्यक है ।
क्या है हलयाल ?
सामान्य रूप से हलाल ्या हललाल अरबरी भाषा का शबद है , जिसका अर्थ वैध ्या अनुमद्त
प्राप्त हो्ता है । मुससलम धर्म-कानून , परमपराओं और व्यवहार में हलाल को मुससलम जरीिन के हर पषि में शामिल दक्या ग्या है । मुससलम धर्म के प्रत्येक व्यक्ति ( वह चाहे किसरी भरी देश में रह्ता हो ) के लिए हलाल करी मान्य्ताओं का अनुपालन अनिवा्यमा रूप से करना पड़्ता है । हलाल मान्य्ता के अनुसार मांस के लिए पशुओं का वध कर्ते सम्य कुछ अनिवा्यमा मुससलम धार्मिक परमपराओं का पालन करना हो्ता है और इस का्यमा में केवल मुससलम श्दमकों का इस्तेमाल दक्या जा्ता है । मुससलम धर्म में हलाल को इस ्तरह से जोड़ दद्या ग्या है कि कोई भरी
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