viuh ckr
उन्ें हम दलित क्यों कहें ?
आशा सहाय
राजनरीद्तक रंगमंच पर सामाजिक दुराव और अलगाव को समाप्त करने राष्ट्ररी्य
करी अपनरी छवि बनाने को प्र्यासर्त देश के विशिष्ट कर्ण धारों द्ारा जिस प्रेम- भावना का मंचन हो रहा है , वह अगर वास्तविक्ता का बाना धारण कर देश करी करोड़ों जन्ता के मानस को पररिद्तमा्त कर सके ्तो देश करी एक बहु्त
बड़ी समस्या को समाप्त करना अत्यन्त सहज हो जाएगा और भार्त में सामाजिक समरस्ता करी सथापना हो सकेगरी । आवश्यक्ता इस बा्त करी है कि ्यह ्तथाकदथ्त ददल्तों के घर जा कर उनके साथ भोजन करना , उनके ब्तमानों का प्र्योग करना मात् उनके विशिास को अदजमा्त करने के लिए नहीं , बसलक ्तहेदिल से समाज के सभरी ्तबकों के सामने उदाहरण प्रस्तु्त करने
के लिए भरी हो । ्यह अगर एक अलख है ्तो इसे निरं्तर जगाए रखने करी भरी आवश्यक्ता है ।
आज देश उनहें वह सममान देना चाह रहा है जिसके वह ्तब भरी अधिकाररी थे , जब ्तथाकदथ्त निम्न श्ेणरी के कार्यों से उनका जरीिन जोड़ा ग्या था । वह समाज के अनिवा्यमा हिससा थे जिनके अस्तिति के बिना समाज एक सिसथ जरीिन नहीं जरी सक्ता था । ्यह अन्या्य कैसे ,
16 uoacj 2023