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दलित के न्द्रित राजनीति का स्वर्णयुग
सभी दलों में दलितों को लुभाने की होड़ सत्ा में पांव जमाने के लिए दलितों पर दांव
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तो सियासत की जमीन पर दलित राजनीति की धारा हमरेशा की अन्वरत अल्वरल प्रवाहित रही है िरेलकन दरेश की स्वतंत्रता के अमृत ्वर्ष में मौजूदा स्थितियों ्व परिस्थितियों को दरेखा जाए तो इसरे लनल्व्ष्वाद रूप सरे दलित केन्द्रित राजनीति का स्वर्णयुग कहना कतई गलत नहीं होगा । यह पहली बार है कि जब केन्द्र सरे िरेकर प्दरेश तक की सत्ा में अपना पां्व जमानरे के लिए दलितों पर दां्व लगानरे की हर संभ्व कोशिशों में सभी पार्टियां जुटी हुई हैं । सभी दलों में दलित मतदाताओं को लुभानरे की होड — सी मची हुई दिखाई पड रही है । सत्ारूढ़ भाजपा नरे सर्वोच्च नरेता प्िानमंत्री नरेंद्र मोदी पहिरे ही ऐलान कर चुके हैं कि उनकी सरकार दलितों , ्वंचितों और समाज के सबसरे निचिरे पायदान पर खडें लोगों के क्यार के लिए समर्पित है । ्वहीं भाजपा
6 ebZ 2022