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वह किसी दलित व्यक्त को ही सौंपेंगी । इन तमाम समीकरणों को ददेखतदे हुए इस बार के विधानसभा चुनावों में दलितों के मुद्ों का उभरकर सामनदे आना और अन्य मुद्ों सदे आगदे निकल जाना सिाभाविक ही था । अपदेक्षा के अनुरूप ऐसा हो भी रहा था लदेवकन दलितों की इस गोलबंदी का कोई सकारातमक व दूरगामी नतीजा निकलता इससदे पहलदे ही दलितों को चुनावी चर्चा के केनद्र सदे बाहर निकाल ददेनदे के लिए जो राजनीतिक साजिश रची गई उसी का नतीजा है कि चुनाव के लिए मतदान आरंभ होनदे सदे पूर्व ही हिजाब का विवाद राष्ट्री्य विमर्श के केनद्र में आ ग्या ।
दलितों के हितों के साथ भद्ा मजाक शैक्षणिक संस्ानों में त्यशुदा गििदेश पहननदे
सदे इनकार करके और हिजाब पहननदे की जिद
ठानकर बदेमानी बखदेड़ा खड़ा करनदे की जो पहल की गई उस पूरदे घटनाक्रम के लिए चुनदे गए सम्य को ददेखें तो सपष्ट हो जाता है कि ्यह बका्यदा सोच समझकर रची गई साजिश ही है । इस साजिश के पीछ़े की वजह को टाटोलें तो इसके कई आ्याम निकल कर सामनदे आतदे हैं जिसमें अलगाववाद की कमजोर पड़ रही पकड़ को दोबारा मजबूती ददेनदे का प्र्यास करना , शैक्षणिक व सार्वजनिक जीवन में मदषों सदे आगदे निकल रही मुकसलम महिलाओं की राहों में रोड़़े अटकाना , ददेश की एकता व अखंडता को क्षति पहुंचानदे के लिए सामाजिक समरसता को मजहबी उनमाद भड़काकर मवट्यामदेट करनदे की कोशिश करना और चुनाव दर चुनाव सफलता के पथ पर तदेजी सदे आगदे बढ़ रहदे भाजपा के विज्य रथ की राहों में रूकावट डालना तो है ही । साथ ही इस साजिश की सबसदे बड़ी वजह रही भाजपा के पक्ष में दलितों के ध्ुिीकरण को ्यदेन केन
प्रकारदेि रोकना । वासति में ददेखा जाए तो ददेश भर में पंचा्यत सदे लदेकर पावलना्यामेंट सतर तक के सभी चुनावों में भाजपा को मिल रही सिलसिलदेिार जीत में दलित समाज के मतदाताओं नदे बहुत बड़ी भूमिका निभाई है । दूसरी ओर भाजपा नदे भी सत्ता का सर्वाधिक लाभ दलितों , शोषितों व वंचितों को पहुंचानदे में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी । नतीजन दलित वोटों की राजनीति करनदे वालदे छोट़े — बड़़े दलों का ददेश भर में और खास तौर सदे उत्तर भारत में पूरी तरह सफा्या हो रहा है और परंपरागत मतदाताओं द्ारा खारिज किए जानदे के बाद लोजपा व बसपा सरीखी कई पार्टि्यों का तो अकसतति ही दांव पर लग ग्या है । ऐसदे में जिस तरह सदे दलित अकसमता का मुद्ा इस बार के विधानसभा चुनावों की चर्चा का केनद्रबिनदु बन कर उभरा था , उसदे चुनाव पर पूरी तरह हावी होनदे का मौका ददेनदे के बाद अंतिम सम्य में जब
ekpZ 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 9