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दलितों के हितों
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च राज्यों में चल रहदे विधानसभा चुनाव पर कर्नाटक सदे शुरू हुए हिजाब विवाद नदे ऐसा प्रभाव डाला जिसमें सभी जरूरी व प्रासंगिक मुद्दे गुम होकर रह गए । वासति में ददेखा जाए तो इस बार के चुनाव की शुरूआत में दलितों का हितों का मुद्ा काफी तदेजी सदे उभरा था । दलितों को केनद्र में रखकर ही तमाम राजनीतिक पार्टि्यां अपनी चुनावी रणनीवत्यों को अंतिम रूप ददे रही थीं । सबसदे अधिक 32 फीसदी दलित आबादी वालदे राज्य पंजाब में तो औपचारिक तौर पर सभी पार्टि्यां दलित वोटों को अपनदे पालदे में लानदे के लिए भिड़ गई थीं । वहीं उत्तराखंड में भी दलित समाज के व्यक्त को अगला मुख्यमंत्ी बनानदे का कांग्रेस की ओर सदे शगूफा छोड़ वद्या ग्या था । ्यूपी में दलित वोटों की खींचनात में दलित समाज की उपजावत्यों को भी अलग — अलग रिझानदे में सभी दल जुट़े हुए ्दे और राष्ट्री्य राजनीति में दलित समाज के राजनीतिक प्रभुति व वर्चसि में भारी इजाफा हो रहा था । लदेवकन अचानक ही कर्नाटक सदे उठ़े हिजाब विवाद नदे दलितों के मसलदे को एक बार फिर पीछ़े धकेल वद्या और चर्चा के केनद्र सदे दलितों को हटाकर अपना कबजा जमा वल्या ।
हिजाब विवाद सियासी साजिश कर्नाटक के उडुपी का हिजाब विवाद सिर्फ स्कूल की लड़वक्यों
पर ' हिजाब ' हिजाब विवाद में गुम हुए दलितों के मुद्े
दलितों का दर्द दफन करने की साजिश
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6 दलित आं दोलन पत्रिका ekpZ 2022