eMag_March2022_DA | Page 45

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जाता है । भारत का लदेमनग्ास तदेल किट्रल की उच्च गुणित्ता के चलतदे उसकी मांग हमदेशा रहती है ।
किसानों की आमदनी दोगुनी करनदे के वाददे को पूरा करनदे की कोशिश में जुटी भारत सरकार एरोमा मिशन के तहत जिन औषधी्य और सुगंघित पौधों की खदेती का रकबा बढ़ा रही है , उसमें एक लदेमनग्ास भी है । लदेमनग्ास लगानदे की एक विधि है , पौधों में पवत्त्यां ज्यादा सदे ज्यादा हो इसके लिए इसको एक एक फीट की दूरी पर लगा्या जाता है । पौधा लगानदे के बाद लगभग 6 माह में तै्यार हो जाता है । इसके बाद हर 70-80 दिन के बाद इसकी कटाई
की जा सकती है । साल में 6 बार इसकी कटाई हो सकती है । लदेमनग्ास को बारहमासी मुनाफा ददेनदेिाला पौधा भी कहा जाता है । एक एकड में लगा्यदे ग्यदे लदेमनग्ास के पौधदे सदे एक कटाई में तकरीबन 5 टन तक पवत्त्यां निकलती है । 5 टन की पवत्त्यों सदे 25 लीटर तक तदेल निकाला जा सकता है । एक साल कटाई सदे लगभग 150 लीटर तदेल की प्राकपत हो सकती है । बाजार में बदेचदे जानदे पर किसानो को साल में एक लाख का मुनाफा मिल सकता है । झारखंड में एक फसल ही होता है , ऐसदे में लदेमनग्ास किसानों के वल्यदे वरदान साबित हो रहा है । लदेमनग्ास लगानदे में लागत कम आता
है और किसानों के वल्यदे हितकारी है । लदेमनग्ास की जड लगा्यी जाती है जिसके वल्यदे पहलदे नर्सरी तै्यार वक्या जाता है । भारत में लदेमनग्ास के तदेल का उतपादन लगभग 1000 टन प्रतिवर्ष होता है । भारत के तदेल की मांग पूरदे विशि में है । लदेमनग्ास को बदेचनदे के वल्यदे माककेवटछंग आसान है , खरीददार खुद लदेनदे आतदे है । भारत में लदेमनग्ास कर्नाटक , तामिलनाडटू , केरल , आंध् प्रददेश और राजस्ान के क्षदेत्ों में होती है । सरकार की ओर सदे लदेमनग्ास की खदेती करनदेिालदे किसानों को सकबसडी वद्या जा रहा है । किसानों को खदेती के वल्यदे सरकार द्ारा प्रोतसाहन वद्या जा रहा है । �
ekpZ 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 45