eMag_March2022_DA | Page 41

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पहल की गई है उससदे सभी लोगों में खुशी है । इस मौके पर भंवर चदेतन सिंह राजावत नदे कहा कि पिछलदे साल 22 दिसंबर को ज्यपुर में हीरक ज्यंती थी जहां राजपूत सरदारों नदे कहा कि किसी दलित को घोड़ी सदे उतारना क्षत्रिय धर्म नहीं है । उसी दिन संकलप लदे वल्या कि गांव में कभी दलित की शादी होगी तो में खुद खड़़े रहकर बिंदौरी निकलवाउछंगा ।
मां-पिता के अरमान ने आसमान छू लिया
इस पूरदे मामलदे को लदेकर अखिल भारती्य वालमीवक समाज जिलाध्यक्ष कन्हैयालाल नदे कहा है कि मैंनदे आमटी में सदेिाएं दी हैं और पूरदे भारत में घूमा हूं , लदेवकन ऐसी अभिनव पहल
पहली बार ददेखनदे को मिली जहां ठाकुर गोपाल सिंह राजावत ओर उनके परिवार नदे हाथी-घोड़ा- ऊंट के साथ डीजदे पर बिंदौरी निकलवाई । ऐसा लग रहा है आज हमें आजादी मिली है . मां-बाप के मन में ्यह रहता है कि हम भी हमारदे बदेट़े बदेवट्यों की शादी धूमधाम सदे करें , बिंदौरी निकालें , लदेवकन सवर्ण समाज के लोगों के विरोध के चलतदे हमारदे अरमान मन में ही दबदे रह जातदे हैं । वहीं आज हमारा सवद्यों पुराना सपना साकार हुआ है । पुरानी टोंक में रहनदे वालदे दूल्हे अज्य वालमीवक नदे कहा कि आज मदेरदे लिए गोरवम्य क्षण है , क्योंकि गांवों में हमारदे समाज के लोगों को घोड़ी पर नहीं बदेठनदे ददेतदे हैं । मैं सौभाग्यशाली हूं कि मदेरी बिंदौरी घोड़ी पर नहीं बकलक हाथी पर निकाली गई ।
जयपुर से हाथी और टोंक से मंगवाए गए घोड़े व ऊं ट
दूल्हे की बिंदौरी के लिए ज्यपुर सदे एक हाथी मंगवा्या ग्या । वहीं टोंक सदे तीन घोड़़े दो ऊंट मंगवाए गए । डीजदे की धुन पर डांस करतदे हुए बिंदौरी निकाली गई । दुलहन रदेखा वालमीवक केकड़ी नगरपालिका मदे सरकारी नौकरी में हैं । वहीं दूलहा अज्य प्राइिदेट नौकरी करतदे हैं । ठाकुर गोपाल सिंह राजावत नदे अपनी तरफ सदे एक हजार आदवम्यों को सामूहिक भोज वद्या । गांव में बिंदौरी निकलनदे के बाद दलित वर्ग में खुशी का माहौल है और सभी नदे इस पहल को सराहा है । �
ekpZ 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 41