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समाज नदे दूल्हे के सिागत में उसदे पान खिलाकर घोड़ी पर बैठा्या ।
दुल्न को बेटी मानते हुए राजपूत परिवार ने उपवास
भी रखा राजावत राजपूत परिवार नदे बारात की
अगवानी सहित सभी का्यनाक्रमों में धूमधाम सदे हिससा वल्या और दलित की बदेटी को अपनी बदेटी मानतदे हुए पूरदे परिवार नदे उपवास रखा हिंदू मान्यता के अनुसार बदेटी की शादी होनदे तक पररग्हण संसकार में हिससा लदेनदे वालदे ( नराला ) उपवास रखतदे हैं और बदेटी की शादी होनदे के बाद ही भोजन ग्हण करतदे हैं । ठाकुर गोपाल सिंह अपनदे परिवार के साथ उपवास पर रहदे ।
आजादी के बाद पहली बार निकली बिंदौरी
प्रापत जानकारी के अनुसार वबवल्या निवासी धर्मराज वालमीवक की बदेटी रदेखा की शादी टोंक निवासी अज्य वालमीवक के साथ हुई । बीतदे 18 फरवरी ( शुक्रवार ) की रावत् को बारात आई तो वबवल्या के राजावत परिवार के ठाकुर गोपाल सिंह राजावत भंवर चदेतन सिंह राजावत नदे बरात का धूमधाम सदे सिागत वक्या और बरात में शामिल प्रत्यदेक व्यक्त को अलपाहार करानदे के साथ माला पहनाकर पान खिला्या । दलित वर्ग की बदेटी की शादी में भोजन और नाश्ते सहित अन्य व्यवस्ा राजावत परिवार द्ारा की गई । वबवल्या गांव में बड़ी संख्या में
दलित वर्ग के लोग रहतदे हैं , लदेवकन आज तक कभी भी दलित की घोड़ी पर बिंदौरी नहीं निकाली गई । आजादी के बाद पहली बार दलित वर्ग के दूल्हे की बिंदौरी निकाली गई जिसके चलतदे दलित वर्ग के लोग फकूलदे नहीं समा रहदे हैं ।
हर तरफ हो रही है प्शंसा
राजावत परिवार द्ारा किए गए का्यना की पूरदे प्रददेश में हर तरफ जमकर प्रशंसा हो रही है । दलित वर्ग के लोगों का कहना है कि जहां राजस्ान में जगह-जगह दलित वर्ग की बिंदौरी रोकी जा रही है वहीं आईपीएस को भी पुलिस पहरदे में बिंदौरी निकालनी पड़ रही है । वहीं वबवल्या गांव में राजपूत समाज द्ारा जो अनोखी
40 दलित आं दोलन पत्रिका ekpZ 2022