eMag_March2022_DA | Page 27

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पदोन्नति में आरक्षण : दूर हुआ भ्रम , आसान हुई राहें

पिछले फै सलों में फे रबदल से सुप्ीम कोर्ट का इनकार सुप्ीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को दिया फै सले का अधिकार

जेपी सिंह

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च्चतम न्या्याल्य नदे अपनदे पहलदे के फैसलों में जो आरक्षण के पैमानदे त्य किए ्दे , उसमें छ़ेड़छाड़ करनदे सदे मना कर वद्या है । इसके साथ ही उच्चतम न्या्याल्य नदे एससी एसटी के प्रमोशन में रिजिरेशन के लिए कोई मानदंड त्य करनदे सदे इनकार कर वद्या । उच्चतम न्या्याल्य नदे कहा है कि सरकारी नौकरी में एससी एसटी के प्रमोशन में रिजिरेशन के लिए राज्य की ड्ूटी है कि वह एससी एसटी के अप्यानापत प्रतिनिधिति का डाटा एकत् करदे । परिमाणातमक ्यानी मात्ातमक आंकड़़े एकत् करनदे के लिए राज्य बाध्य हैं । एससी और एसटी के अप्यानापत प्रतिनिधिति के संबंध में मात्ातमक डाटा पूरी सर्विस ्या ग्ुप सदे जोड़कर नहीं ददेखा जा सकता है , बकलक अप्यानापत प्रतिनिधिति उन पदों के कैडर ्या ग्रेड के संदर्भ में ददेखा जाना चाहिए जिन पदों के लिए प्रमोशन मांगा ग्या है । ऐसदे में मात्ातमक डाटा कैडर के मद्देनजर एकत् वक्या जाएगा , जिनमें प्रमोशन की दरकार है । उच्चतम न्या्याल्य नदे ्यदे भी कहा कि सरकार को सम्य-सम्य पर इस बात की समीक्षा जरूर करनी चाहिए कि नौकरर्यों में अनुसूचित जाति और जनजावत्यों को सही प्रतिनिधिति मिला है ्या नहीं ।
राज्यों की जिम्ेिारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील अमरेन्द्र नाथ सिंह कहतदे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट सदे साफ है कि जो अप्यानापत प्रतिनिधिति का मामला है ्यह ददेखना राज्य का काम है । उसके लिए डाटा तै्यार करना भी राज्य का काम है । ऐसदे में राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसलदे के अनुरूप ग्रेड बदेवसस पर अप्यानापत प्रतिनिधिति का डाटा
तै्यार करना होगा और उसके बाद एससी एसटी को प्रमोशन में रिजिरेशन ददेना होगा । राज्य को प्रमोशन में रिजिरेशन ददेनदे के लिए कैडर के मद्देनजर अप्यानापत प्रतिनिधिति को जकसटफाई करना होगा । ग्ुप और सर्विस के बदेवसस पर डाटा एकत् करनदे सदे पता नहीं चलदेगा कि कैडर कितना अप्यानापत प्रतिनिधिति है । रोसटर कैडर के हिसाब सदे बनता है ।
ekpZ 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 27