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महिलाओ ं-बच्ों के सवाांगीण विकास के लिए मोदी सरकार ्रवतबद्ध

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रत की जनगणना 2011 के अनुसार भारत की 67.70 प्रतिशत जनसंख्या महिलाओं एवं बच्चों की है । ऐसदे में कहना गलत नहीं होगा के ददेश के समग् विकास के लिए बच्चों-महिलाओं का सशक्तकरण अत्यंत आवश्यक है । किसी भी मानव समाज में सरकार की सिवोच्च प्राथमिकता महिलाओं का सममान , सुरक्षा और विकास होता है , जिससदे एक समािदेशी समाज का निर्माण हो सके I इसके साथ ही विकास प्रवक्र्या के क्रम में बच्चों का विकास भी अत्यधिक महत्ि रखता है I बच्चदे ही भविष््य में ददेश के वन्यंता के रूप में अपना ्योगदान ददेतदे हैं । विकास प्रवक्र्या में बच्चों एवं महिलाओं के ्योगदान को दमृकष्ट में रखतदे हुए स्वयं प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी का ्यह मानना है कि बदलतदे भारत में महिलाओं की भूमिका का लगातार विसतार हो रहा है । नए भारत के विकास चक्र में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है । महिलाएं जब संकलप लदेती हैं , तो उसी की दिशा त्य करती हैं । पिछलदे 7 िरषों में ददेश की नीवत्यां महिलाओं के प्रति अधिक संिदेदनशील हुई हैं और उनकी सरकार के का्यनाकाल में महिलाओं एवं बच्चों के सर्वागीण विकास को ध्यान में रखकर कई ्योजनाओं का वक्र्यानिन वक्या जा रहा है I करेंद्र में सत्ता संभालनदे के बाद प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी के नदेतमृति वाली सरकार नदे महिलाओं एवं विकास के लिए कई ्योजनाओं को प्रारमभ वक्या I इन ्योजनाओं का लाभ गरीब , दलित , पिछड़ी और वचित वर्ग
की महिलाओं एवं बच्चों को प्रापत हो रहा है I सभी ्योजनाओं का लाभ ददेश के हर जिलदे में जिला विकास अधिकारी के माध्यम सदे प्रापत वक्या जा सकता है I करेंद्री्य महिला एवं बाल कल्याण मंत्ाल्य द्ारा 2014 सदे लागू की गई ्योजनाएं इस प्रकार हैं----
पोषण अवभ्यान : 8 मार्च , 2018 को शुरू किए गए पोषण अवभ्यान का उद्देश्य उद्देश्य सटछंवटछंग , जनम के सम्य कम वजन , कुपोषण की चुनौवत्यों को प्रति वर्ष 2 % कम करना था । ्यह 2022 तक छोट़े बच्चों , महिलाओं और किशोरों में एनीवम्या को 3 % प्रति वर्ष कम करनदे
24 दलित आं दोलन पत्रिका ekpZ 2022