बजट में वृशधि से अर्जुन मुंडा गदगद , कहा — भारत के आर्थिक विकास को मिलेगी गति
केन्द्रीय जनजाती्य का्यना मंत्ी श्ी अर्जुन मुंडा नदे जनजाती्य का्यना और जल शक्त राज्यमंत्ी श्ी बिश्वेशिर टुडु और जनजाती्य का्यना राज्यमंत्ी श्ीमती रदेिुका सरुता के साथ वित्ती्य वर्ष 2022-2023 के लिए एक उतकृष्ट बजट पदेश करनदे के लिए प्रधानमंत्ी नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्ी श्ीमती निर्मला सीतारमण को बधाई दी । श्ी अर्जुन मुंडा नदे कहा कि “ आज़ादी का अममृत महोतसि के इस वर्ष में ्यह बजट अगलदे 25 िरषों के लिए समािदेशी विकास और हमारदे ददेश के हर वर्ग को सश्त बनानदे पर जोर ददेनदे की दमृकष्ट सदे बना्या ग्या है । िरषों में हमनदे एक सममृद्ध अर्थव्यवस्ा को चलानदे का खाका तै्यार वक्या है । ्यह एक ऐसा बजट है जो ' मदेक इन इंवड्या ' को बढ़ावा ददेगा , मांग को बढ़ावा ददेगा और एक मजबूत , सममृद्ध और आतमविशिास सदे भरदे भारत के लिए क्षमता का निर्माण करदेगा ।” श्ी मुंडा नदे कहा कि माननी्य प्रधानमंत्ी श्ी नरेन्द्र मोदी नदे लोकसभा में अपनी टिपपिी में सही कहा है कि ्यह बजट “ अधिक बुवन्यादी ढांचदे , अधिक वनिदेश , अधिक विकास और अधिक नौकरर्यों की संभावनाओं सदे भरा है । ्यह ग्ीन जॉब के एक नए क्षेत्र को भी खोलता है । ्यह बजट न केवल सामव्यक समस्याओं का समाधान करता है , बकलक ्युवाओं के उज्िल भविष््य को भी सुवनकशचत करता है ।”
्योजना ( करेंद्र प्रा्योजित और करेंद्री्य क्षेत्र ) जैसदे छात्रवृत्ति , ईएमआरएस , आजीविका आदि और मंत्ाल्य की गैर-्योजनागत पहल , जैसदे एसटीसी निगरानी , एफआरए आदि , जो राज्यों के माध्यम सदे कार्यान्वित किए जातदे हैं , की निगरानी की जाएगी । मंत्ाल्य के आईटी और डाटा प्रकोष्ठ , सिासथ्य प्रकोष्ठ और मीवड्या प्रकोष्ठ के लिए भी धन उपलबध करा्या ग्या है । पीएम्यू राज्यों , गैर सरकारी संगठनों , टीआरआई और अनुदान प्रापत संस्ानों सदे निरंतर ड़ेटा और सूचना प्रवाह सुवनकशचत करदेगा तथा ्योजनाओं की निगरानी और प्रभावी का्यानान्वयन के लिए संस्ाओं को गारंटी ददेगा , ताकि डाटा शासन गुणवत्ता सूचकांक 5.0 और उतपादन परिणाम निगरानी रूपरदेखा के लक््य को हासिल वक्या जा सके । भौतिक और वित्ती्य परिणामों की निगरानी के लिए सिरेक्षण व सामाजिक लदेखा परीक्षा के साथ क्षेत्र का दौरा भी वक्या जाएगा ।
कैबिनदेट नदे छात्रवृत्ति और एनजीओ ्योजनाओं के लिए बढ़़े हुए परिव्य्य को भी मंजूरी दी है और ददेश भर में शीर्ष संस्ानों में पीएचडी और अन्य उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में अध्य्यन करनदे वालदे छात्ों के लिए छात्रवृत्ति
की वित्ती्य सीमा को बढ़ा्या ग्या है । दूरदराज के आदिवासी क्षदेत्ों में काम कर रहदे गैर सरकारी संगठनों के लिए भी वित्ती्य सीमा को बढ़ा्या ग्या है ।
अनुसूचित जनजाति घटक ( शदेड्ूल ट्राइब कंपोनेंट ) के रूप में पिछलदे वर्ष आवंटित की गई 78,256 करोड़ रुप्यदे की राशि की तुलना में इस वर्ष 87,584 करोड़ रुप्यदे की राशि आवंटित की गई है । अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण और जनजाती्य क्षदेत्ों के विकास के लिए कुल 41 केन्द्रीय मंत्ाल्यों को इस व्य्य को वहन करनदे की जरूरत होगी ।
श्ीमती निर्मला सीतारमण नदे कहा कि बजट 2021 की परिकलपना को जारी रखतदे हुए बजट 2022 अर्थव्यवस्ा को अगलदे 25 िरषों के अममृत काल , ्यानी भारत को आजादी के 75वें वर्ष सदे आजादी के 100वें वर्ष , तक आगदे लदे जानदे की नींव रखना चाहता है । इसमें मुख्य जोर सूक्म सतर पर नागरिकों के कल्याण के साथ िमृहत सतर पर विकास करनदे का है ।
अपनदे बजट भाषण में , वित्त मंत्ी नदे विशदेर रूप सदे ग्ामीण क्षदेत्ों के बच्चों , अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए पूरक शिक्षा पर जोर वद्या , जो महामारी के कारण स्कूलों के बंद होनदे सदे बुरी तरह प्रभावित ्दे । अन्य कमजोर िगषों के लिए भी ऐसा करना
आवश्यक था । इसलिए , लगभग औपचारिक शिक्षा का दो साल खोनदे के बाद , बच्चों के लिए पीएम ई-विद्ा के ' एक ्लास-एक टीवी चैनल ' का्यनाक्रम के माध्यम सदे पूरक ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करनदे की आवश्यकता पर जोर ददेतदे हुए ई-विद्ा को 12 सदे 200 टीवी चैनलों तक बढ़ा्या ग्या है । ्यह सभी राज्यों को पहली सदे 12वीं कक्षा के लिए क्षदेत्रीय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनदे में सक्षम करदेगा । कसकवलंग और आजीविका के लिए एक डिजिटल इको- सिसटम के लिए ददेश-सटैक ई-पोर्टल जलद ही लॉनच वक्या जाएगा । इसमें ददेश के ्युवाओं के लिए डिजिटल शिक्षकों के माध्यम सदे चिंतन कौशल , विशि सतरी्य गुणवत्ता वाला एक डिजिटल विशिविद्ाल्य की स्ापना और असाधारण ई-सामग्ी के महति को बढ़ावा ददेनदे के लिए वर्चुअल लैब और कसकवलंग ई-लैब शामिल होंगदे ।
इसके अलावा , कृषि-वानिकी और निजी वानिकी को बढ़ावा ददेनदे के लिए नीवत्यां बनाई जाएंगी और आवश्यक विधा्यी परिवर्तन किए जाएंगदे एवं उनहें लागू वक्या जाएगा । इसके अलावा , अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उन किसानों को वित्ती्य सहा्यता प्रदान की जाएगी जो कृषि-वानिकी के व्यवसा्य में जुड़ना चाहतदे हैं । �
ekpZ 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 23