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आठ साल ... बेमिसाल
अनुसूचितों करा अमृत कराल वंचितों के लिए वरदरान
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ही समय है , सही समय है ! भतारत कता अनमोल समय है !” बीते पंरिह अगसत को लताल किले की ऐतिहताकसक प्रताचीर से प्रधतानमंत्री नरेंरि मोदी द्वारता कही गई यह बतात आजतादी कता अमृत महोतसर मनता रहे भतारत की विकतास यतात्रता को गौरवमयी ऊंचताईयों तक ले जताने कता मूल मंत्र है । इस पर वर्ष 2014 से ही कताम शुरू हो गयता थता । बीते 8 रषयों में अनवरत — अनथक तय की गई विकतास की यतात्रता ही अब अमृत कताल की आधतारशिलता बन रही है जिसकी ठोस , गहरी व मजबूत नींव पर भविषय कता भतारत अपनी उच्च आकतांक्षाओं को पूरता करने के लिए संकलपबद् है । इस अमृत कताल में भतारत को विशर गुरू बनताने के संकलप ने उतसर कता रूप लियता है और 135 करोड भतारत रताकसयों की संकलप शक्ति इस सपने को सताकतार करने में जुड और जुट चुकी है । इसमें भतारत की सबसे बड़ी शक्ति युरताओं की है । भतारत दुनियता कता सबसे अधिक युरता देश है , जहतां के कनरताकसयों की औसत आयु 29 वर्ष है । युरताओं के प्रेरणतास्ोत स्वामी विवेकतानंद जी जब भतारत के भविषय की बतात करते थे तो उनकी आंखों के सतामने मतां भतारती की भवय तता कता चित्र होतता थता । वे कहते थे- “ जहतां तक हो सके , अतीत की ओर देखो । पीछ़े जो चिर नूतन झरनता बह रहता है , आकंठ उसकता जल पियो , फिर आगे बढ़ो और भतारत को पहले से भी कही ज्यादता उजरल , महतान और श्रेष् बनताओ ।”
6 twu 2022