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कर्मचतारी समताज के बीच इस सरताल पर आंदोलन कर रहता है और समताज की मुक्ति और सशक्तिकरण के लिए बसती-बसती जताकर कताम कर रहता है । मैलता ढोने कता कताम करने रताली बहनों को सताथ लेकर शुषक शौचतालय तोड़े जता रहे हैं , प्रशतासन को ज्ञापन दियता जता रहता है तताकि वह इस प्रथता को पूरी तरह से खतम करने में सताथ दें ।
मैला प्रथा गैरकानूनरी , फिर भरी जाररी
हम सब जतानते हैं कि देश में सतार-सरताई कता कताम जताकत आधतारित है । एक जताकत के लोग ही इस कताम में उततारे जताते हैं । सब के सब दलित समताज से ही होते हैं । हतालतांकि , देश कता कतानून और सुप्रीम कोर्ट , सतार कहतता है कि किसी भी इंसतान को सीवर-सेप्टिक टैंक में उततारनता अपरताध है । यह सब जतानते हैं कि सीवर-सेप्टिक टैंक में जतानलेरता मीथेन गैस होती है , जो सेकेंडों में जतान ले लेती है । इन मौतों को केवल सीवर- सेप्टिक टैंक की सरताई को मशीनों से कररता करके ही रोकता जता सकतता है । इंसतान कता मल- मूत्र सरताई से कोई शतारीरिक संपर्क न हो । हतालतांकि मशीनीकरण के नताम पर सरकतारें बडी-बडी कंपनियों को बढ़तारता दे रही हैं , लेकिन सरताई कर्मचतारी आंदोलन कता सपषट मताननता है कि सीवर-सेप्टिक टैंक में आधुनिक मशीनों से सरताई कता कताम , सरताई के कताम में लगे लोगों को ही देनता चताकहए , तताकि किसी को भी रोजगतार से हताथ न धोनता पड़े ।
ठे के दाररी प्रथा के कारण शोषण
सरताई के कताम को गरिमतामय और जताकतगत दंश से दूर करने के बजताय , लगताततार इस कताम को ़्ेकता प्रथता के हरताले कर दियता जता रहता है । इसकी वजह से सरताईकर्मियों कता दोहरता-तिहरता शोषण हो रहता है । उन्हें बहुत ही कम वेतन पर कताम करने के लिए मजबूर कियता जतातता है , सताथ ही कताम के घंट़े बढ़ गये हैं और नौकरी की कोई गतारंटी भी नहीं रही है , लगताततार छंटनी
कता खतरता मंडरतातता रहतता है । इससे सरताई कर्मियों कता जीवन दयनीय बन गयता है । इस पर और ज्यादता मतार पडी है सरताई कर्मचतारियों की ट्ररैकिंग प्रणताली लतागू होने से । उनके ऊपर हर समय प्रशतासन और सिसटम जतासूसी निगताह बनताये रखतता है । यह मॉडर्न गुलतामी की शुरुआत है । सरताई कर्मचतारियों को बंधुआ मजदूर बनतायता जता रहता है । इस सबकता विरोध आवशयक ही है ।
सफाई कर्मचाररी सम्ान के हकदार
हर संकट के समय में समताज को की सुरक्षा के लिए सरताईकमती ही सबसे पहले आगे आते हैं । कोरोनता कताल में सतारे देश और सतारी दुनियता ने देखता कि किस तरह से जतानलेरता कोरोनता के समय भी सरताईकमती समताज मुसतैदी से अपने कताम में लगता रहता । ये अपनी जतान को जोखिम में डतालकर , फ्ंटलताइन वर्कर के रूप में कताम करते रहे । अनगिनत लोगों की जतानें बचताईं लेकिन इसके एवज में इन्हें क्या मिलता ? इन तमताम सरतालों पर जनतता को जतागरूक करने के लिए , सरकतारों पर दबतार बनताने के लिए एकशन 2022 कता आयोजन हुआ है । सरताई कर्मचतारी आंदोलन एक राष्ट्रव्यापी संस्था है , जिसके हर रताजय में वॉलेंटियर हैं । सरताई कर्मचतारी समताज से जुड़े ये तमताम वॉलेंटियर दिन-रतात देश से मैलता प्रथता के खतातमे , सीवर-सेप्टिक टैंक में मौतों
को रोकने और समताज के आर्थिक-सतामताकजक सशक्तिकरण के लिए कताम करते हैं । इन्होंने समताज को द्यताय दिलताने के लिए देश की सरवोच्च अदतालत — सुप्रीम कोर्ट कता दररताजता खटखटतायता । वर्ष 2003 से लेकर 2014 तक जनहित यताकचकता पर संघर्ष कियता और अंत में समताज के हक को सुनिश्चित कियता । देश की संसद कता दररताजता खटखटतायता । वर्ष 1993 में बने कतानून को लतागू करने के लिए आंदोलन कियता और फिर 2013 के नये कतानून को पतारित करने के लिए दबतार बनतायता । आज देश भर में मैलता प्रथता से बताहर आईं महिलताओं के समुचित पुनरता्वस के लिए आंदोलन जतारी है ।
समाज को जागरूक करने का प्रयास
एकशन — 2022 के तहत सरताई कर्मचतारी देश के सभी कनरताकसयों से यह अपील करने के लिए निकले हैं कि वे सब इस देश को मैलता प्रथता से मुकत बनताने और सीवर-सेप्टिक टैंक में हो रही मौतों को पूरी तरह से रोकने में मदद करें । वे यह अपील करनता चताहते हैं कि हमतारे देश में कोई भी इंसतान , दूसरे इंसतान कता मल-मूत्र उ्ताने के लिए मजबूर नहीं कियता जताए । किसी भी बच्चे को , किसी भी पत्ी-मतां को अपने घर के वयन्कत को , किसी भी भतारतीय नतागरिक को सीवर और सेप्टिक टैंक की सरताई करते हुए जतान न गंरतानी पड़े । �
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