eMag_June 2023_DA | Page 37

सयांसकृलतक वसतुगत सस्लत कया सहधी और सयाफ आंकलन लक्या है । उनहोंने कहया कि भयाित में किसधी भधी आर्थिक-ियाजनधीलतक क्रयांलत से पहले एक सयामयालजक-सयांसकृलतक क्रयांलत कधी दरकयाि है ।
पंडित दधीनद्याल उपयाध्याय ने भधी अपनधी लवियािधयािया में ‘ अंत्ोदय ’ कधी ्बयात कहधी है । अंत्ोदय ्यालन समयाज कधी अंतिम सधीिधी पर जो ्बैठया हुआ है , स्बसे पहले उसकया उदय होनया ियालहए । ियाषट् को सशकत और स्वावलं्बधी ्बनयाने के लिए समयाज कधी अंतिम सधीिधी पर जो लोग है उनकया सोशियो इकोनॉमिक ि़ेवलपमें्ट करनया होगया । किसधी भधी ियाषट् कया विकयास तभधी अर्थपूर्ण हो सकतया है ज्ब भौतिक प्रगति के सया् सया् आध्यासतमक मूल्ों कया भधी संगम हो । जहयां तक भयाित कधी विशेषतया , भयाित कया कलचर , भयाित कधी संसकृलत कया सवयाल है तो यह विशव कधी ्बेहतर संसकृलत है । भयाितधी् संसकृलत को समृद्व और श्ेषठ ्बनयाने में स्बसे ्बड़ा योगदयान दलित समयाज के लोगों कया है । इस देश में आदि कवि कहलयाने कया सम्मान केवल महर्षि वाल्मिकधी को
है , शास्त्ों के ज्ञातया कया सम्मान वेदव्यास को है । भयाितधी् संविधयान के लनमया्मण कया श्े् अम्बेडकर को जयातया है ।
वर्तमयान में कुछ देशधी-विदेशधी शक्तियां हमयािधी इन सयामयालजक-संसकृलतक धरोहरों को हिंदपृतव से अलग करने कधी योजनयाएं ्बनया रहधी है । मार्क्स कधी पूंजधीवयादधी व्वस्था में जहयां मुठ्ठी भर धनपति शोषक कधी भूमिकया में उभरतया है वहीं जयालत और नसलभेद व्वस्था में एक पूिया कया पूिया समयाज शोषक तो दूसिया शोषित के रुप में नजर आतया है । जिसकया समयाधयान अम्बेडकर सशकत हिंदू समयाज में ्बतयाते है क्ोंकि वह जयानते थे कि हिंदू धर्म न तो इसे मयानने वयालों के लिए अफधीम है और न हधी यह किसधी को अपनधी जकडन में लेतया है । वसतुतः यह मयानव को पूर्ण सवतंत्तया देने वयालया है । यह चिरस्या्धी रुप से विकयास , संपन्नतया त्या व्सकत व समयाज को संपूर्णतया प्रदयान करने कया एक सयाधन है । डॉ . अम्बेडकर के पयास भयाितधी् समयाज कया आंखों देिया अनुभव ्या , तधीन हजयाि वषगों कधी पधीड़ा भधी ्धी । इसलिए
डॉ अम्बेडकर सहधी अ्गों में भयाितधी् समयाज कधी उन गहिधी वसतुलनषठ सच्चयाइयों को समझ पयाते हैं , जिनहें कोई मार्क्सवयादधी नहीं समझ सकतया ।
अम्बेडकर कया सपनया ्या कि एक जयालतलवहधीन , वर्गविहधीन , सयामयालजक , आर्थिक , ियाजनधीलतक , लैंगिक और सयांसकृलतक विषमतयाओं से मुकत समयाज । ऐसया समयाज ्बनयाने के लिए हिंदू समयाज कया सशक्तीकरण स्बसे पहलधी प्रया्लमकतया होगधी । यहधी अम्बेडकर कधी सोच और संघर्ष कया सयाि है । आज अम्बेडकर इस देश कधी संघर्षशधील और परिवर्तनकयािधी समूहों के हर महतवपूर्ण सवयाल पर प्रयासंगिक हो रहे हैं , इसधी कयािण वह विकयास के लिए संघर्ष के प्रेरणया स्ोत भधी ्बन गए है । मेिया मयाननया है कि हिंदुतव के सहयािे हधी समयाज में एक जन-जयागरण शुरू लक्या जया सकतया है । जिसमें हिंदू अपने संकधीण्म मतभेदों से ऊपर उठकर सव्ं को लवियाट्-अखंड हिंदुस्तानधी समयाज के रूप में संगठित कर भयाित को एक महयान ियाषट् ्बनया सकते हैं ।
( साभार ) twu 2023 37