eMag_June 2023_DA | Page 28

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दसणित ्या समयाज से ्बलहषकृत कर सकतधी है । अन्तर्जातधी् विवयाह इस व्वस्था में निषेध होते हैं । सयामयालजक विद्ेष और घपृणया कया प्रसयाि इस व्वस्था कधी स्बसे ्बुिधी विशेषतया है ।
इस प्रकयाि डॉ अम्बेडकर ने यह सपष्ट करने कया प्र्यास लक्या कि जयालत-व्वस्था भयाितधी् समयाज कधी एक ्बहुत ्बडधी विकृति है , जिसके दुखभयाव समयाज के लिए ्बहुत हधी घयातक है । जयालत व्वस्था के कयािण लोगों में एकतया कधी भयावनया कया अभयाव है , अत : भयाितधी्ों कया किसधी एक विषय पर जनमत तै्याि नहीं हो सकतया । समयाज कई भयागों में विभकत हो ग्या । उनके अनुसयाि जयालत व्वस्था न केवल हिनदू समयाज को दुषप्रभयालवत नहीं लक्या अपितु भयाित के ियाजनधीलतक , आर्थिक त्या नैतिक जधीवन में भधी जहर घोल लद्या ।
डॉ अम्बेडकर ने हिनदू समयाज में प्रचलित अस्पृश्तया को अन्यायपूर्वक मयानते हुए प्र्बल विरोध लक्या । उनके अनुसयाि ब्राह्मणों और शूद्र शयासकों में अनतद््मनद् के कयािण शूद्रों कया जनम हुआ ज्बलक प्रयािमभ में ब्राह्मण , क्षलत्् और वैश् तधीन वर्ण हधी हुआ करते थे । शनैःशनैः ब्राह्मणवयाद कया समयाज में वर्चसव स्थापित हो ग्या त्या समयाज में उनके द्यािया प्रतिपयालदत नियमों को मयाननया आवश्क मयानया ग्या । इन नियमों को न मयानने वयालों को हेय मयानया ग्या । इनहोंने विभिन्न ऐतिहयालसक उदयाहरणों से यह सपष्ट करने कया प्र्यास लक्या कि अस्पृश्तया के ्बने रहने के पधीछ़े कोई तयालक्फक , सयामयालजक अथवया व्यावसयाल्क आधयाि नहीं हैI अत : उनहोंने इस व्वस्था कया जोरदयाि शबदों में खंडन लक्या । उनकया दपृसष्टकोण ्या कि यदि हिनदू समयाज कया उत्थान करनया है तो अस्पृश्तया कया जड़ से लनियाकरण आवश्क है ।
डॉ अम्बेडकर ने अस्पृश्तया के लनियाकरण के लिए केवल सैद्धयांलतक दपृसष्टकोण हधी प्रसतुत नहीं लक्या अपितु उनहोंने अपने विभिन्न आनदोलनों व कार्यों से लोगों में चेतनया जयागत करने एवं इसके लनियाकरण के लिए विभिन्न सुझयाव भधी प्रेरित किए । उनहोंने अस्पृश्तया लनियाकरण के लिए सयामयालजक , ियाजनधीलतक ,
आर्थिक , नैतिक , शैक्षणिक आदि सतिों पर रचनयातमक कया््मक्रम त्या संगठित अलभ्यान कया आग्ह लक्या ।
डॉ अम्बेडकर हिनदू समयाज त्या हिनदू धर्म कधी उन आधयािभूत मयान्तयाओं के विरूद्ध थे , जिनके कयािण अस्पृश्तया जैसधी संकधीण्मतया कया जनम होतया है । उनकया मयाननया ्या कि हिनदू समयाज में सवतंत्तया , समयानतया त्या न्याय पर आधयारित व्वस्था स्थापित करने के लिए कठोर नियमों में संशोधन आवश्क है । उनहोंने इसके लिए धयालम्मक कार्यों के लिए ब्राह्मणों के एकयालधकयाि को समयापत करने कया आग्ह लक्या । उनके अनुसयाि उन शास्त्ों को अधिकयारिक नहीं मयानया जयानया ियालहए जो सयामयालजक अन्याय कया समर्थन करते है ।
डॉ अम्बेडकर कया मयाननया ्या कि हिनदू समयाज के उत्थान के लिए जयातधी् ्बंधन समयापत लक्या जयानया आवश्क है । उनके मत में इसके लिए यह आवश्क है कि समयाज के विभिन्न जयालत्ों के लोगों के मध् अन्तर्जातधी् विवयाह होने लगेगया तो जयालत व्वस्था कया ्बंधन सवत : शिथिल होने लगेगया , क्ोंकि विभिन्न जयालत्ों के मध् रकत के मिलने से अपनतव कधी भयावनया पैदया होगधी । उनहोंने सव्ं अन्तर्जातधी् विवयाहों त्या सहभोजों को प्रोत्साहित लक्या । ज्ब कभधी इस प्रकयाि के अवसर उनहें मिलते तो वे उनमें अवश् हधी ससममलित होते थे ।
डॉ अम्बेडकर कया विश्वास ्या कि दलितों के उत्थान में केवल उच्च वणवो कधी सहयानुभूति और सद्‌भयावनया हधी प्या्मपत नहीं है । उनकया मत ्या कि दलितों कया तो वयासतव में त्ब उत्थान होगया ज्बलक वे सव्ं सक्रिय त्या जयागपृत होंगे । इसलिये उनहोंने घोषणया कधी कि शिक्षित ्बनो , आनदोलन चलयाओ और संगठित रहो । दलित वर्ग कधी लशक्षया के ्बयािे में डॉ अम्बेडकर कया मत ्या कि दलितों के अत्याियाि त्या उत्पीड़न सहन करने त्या वर्तमयान परिसस्लत्ों को सनतोषपूर्ण मयानकर स्वीकयाि करने कधी प्रवपृलत कया अनत करने के लिए उनमें लशक्षया कया प्रसयाि आवश्क है । लशक्षया के मयाध्म से हधी उनहें इस ्बयात कया आभयास होगया कि विशव कितनया प्रगतिशधील है त्या वे
कितने पिछड़े हुए है । उनकया मयाननया ्या कि दलितों को अन्याय , अपमयान त्या द्बयाव को सहन करने के लिए मज्बूर लक्या जयातया है ।
वे इस ्बयात से दुिधी थे कि दलित इस प्रकयाि कधी परिसस्लत्ों को ल्बनया कुछ कहे स्वीकयाि कर लेते हैं । वे संख्या में अधिक होने के ्बयावजूद उत्पीड़न को सहन कर लेते हैं , ज्बलक यदि एक अकेलधी चीं्टधी पर भधी पैर रख लद्या जयाए तो वह प्रतिरोध करते हुए कया्ट ियालतधी है । इन परिसस्लत्ों को समयापत करने के लिए अम्बेडकर दलितों में लशक्षया के प्रसयाि को ्बहुत महतवपूर्ण मयानते थे । उनहें केवल औपियारिक लशक्षया हधी नहीं अपितु अनौपियारिक लशक्षया भधी दधी जयानधी ियालहए ।
डॉ अम्बेडकर कया मयाननया ्या दलित वर्ग को अपने हितों कधी िक्षया के लिए विधया्धी कार्यों को अपने पक्ष में प्रभयालवत करने के लिएं ियाजनधीलतक सत्ता में प्या्मपत प्रतिनिधितव मिलनया ियालहए । अत : उनकया सुझयाव ्या कि केन्द्रीय त्या प्रयान्तीय विधयान मंडलों में दलितों कधी भयागधीदयािधी हेतु प्या्मपत प्रतिनिधितव के लिए कयानून ्बनया्या जयानया ियालहए ।
28 twu 2023