eMag_July2022_DA | Page 9

हमेशा कायम रहरी । द्ौपदरी मुर्मू का जनम 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के ऊपरबेड़ा गांव में हुआ । पिता का नाम बिरंचरी नारायण टुडू है । वह आदिवासरी संथाल परिवार से ता्लुक रखिरी हैं । द्ौपदरी मुर्मू का विवाह शराम चरण मुर्मू से हुआ था । दो बेट़े और एक बेटरी हुई , लेकिन शादरी के कुछ समय बाद हरी उनहोंने पति और अपने दोनों बेटों को खो दिया । हालांकि , द्ौपदरी ने कभरी भरी कठिनाइयों से हार नहीं मानरी और सभरी बाधाओं को पार करते हुए उनहोंने भुवनेशिर के रामादेिरी महिला कॉलेज से आरस्य में ग्ेजुएशन करी डिग्री हासिल करी । इसके बाद उनहें ओडिशा सरकार के सिंचाई और बिजलरी विभाग में एक जूनियर अतस्टेंट यानरी कलर्क के रूप में नौकररी मिलरी । बाद में , उनहोंने रायरंगपुर में श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में मानद सहायक शिक्षक के रूप में भरी काम किया । उनकरी बेटरी इतिश्री करी शादरी गणेश हेमब्रम से हुई है ।
पार्षद के रूप में शुरू किया करियर
द्ौपदरी मुर्मू ने साल 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनरीतिक करियर शुरू किया और फिर साल 2000 में वह ओडिशा सरकार में मंत्ररी बनीं । रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं द्ौपदरी मुर्मू ने साल 2009 में तब भरी अपनरी विधानसभा सरीट पर जरीि हासिल करी , जब बरीजू जनता दल ने ओडिशा के चुनावों से कुछ हफिे पहले भाजपा से नाता तोड लिया था । उस चुनाव में मुखरमंत्ररी निरीन पटनायक करी पाटटी बरीजद ने जरीि दर्ज करी थरी । द्ौपदरी मुर्मू को साल 2007 में ओडिशा विधानसभा द्ारा साल के सर्वश्ेष्ठ विधायक के लिए नरीलकंठ पुर्कार से सममातनि किया गया था । उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन , वाणिजर , मत्र पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है । द्ौपदरी मुर्मू भारिरीर जनता पाटटी करी ओडिशा इकाई करी अनुसूचित जनजाति मोर्चा करी उपाधरक्ष और बाद में अधरक्ष भरी रहीं । उनहें 2013 में बरीजेपरी
राष्ट्ररीय कार्यकारिणरी ( एसटरी मोर्चा ) के सद्र के रूप में भरी नामित किया गया था ।
झारखंड की पहली महिला राज्यपाल
द्ौपदरी मुर्मू ने मई 2015 में झारखंड के 9वें राजरपाल के रूप में सैयद अहमद करी जगह लरी थरी । झारखंड उच्च नरारालय के ततकालरीन मुखर नराराधरीश िरीरेंद् सिंह ने इनहें इस पद करी शपथ दिलवाई । झारखंड करी पहलरी महिला राजरपाल बनने का गौरव भरी द्ौपदरी मुर्मू को हासिल है । औपचारिक तौर पर राष्ट्रपति चुन लिए जाने के बाद द्ौपदरी आजादरी के बाद पैदा होने वालरी पहलरी राष्ट्रपति भरी होंगरी । द्ौपदरी मुर्मू झारखंड में सबसे अधिक समय तक राजरपाल के पद पर आसरीन रहीं । यहां तक कि पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद भरी इस पद पर बनरी रहीं । इस तरह , इनका कार्यकाल छह माह 18 दिन तक रहा । ये 18 मई 2015 से 13 जुलाई 2021 तक इस पद पर रहीं । सबसे बड़ी बात यह कि इनका पूरा कार्यकाल विवाद रहित
रहा । झारखंड करी राजरपाल के रूप में द्ौपदरी मुर्मू हमेशा यहां के आदिवासियों तथा छात्राओं के हितों के लिए सजग और ततपर रहीं । इसे लेकर कई बार उनहोंने राजभवन में विभिन्न विभाग के पदाधिकारियों को बुलाकर आवशरक तनददेश दिए । कुलाधिपति के रूप में भरी द्ौपदरी मुर्मू ने उच्च शिक्षा के विकास में कई महतिपूर्ण कदम उठाए । इसमें चांसलर पोर्टल शुरू करना भरी इनकरी बड़ी उपलकबध थरी , जिसमें सभरी विशितिद्यालयों को एक पलेटफार्म पर लाकर एक साथ नामांकन से लेकर , निबंधन और पररीक्षा के फार्म भरने करी प्रतरिया शुरू करी गई । इनके कार्यकाल में विशितिद्यालयों में गुणरी व अनुभिरी कुलपतियों और अनर पदाधिकारियों करी नियुक्ि हुई ।
साबित की प्रशासनिक दक्षता
झारखंड करी पहलरी महिला राजरपाल के रूप में उनहोंने जमशेदपुर में महिला विशितिद्यालय करी ्थापना को लेकर प्रयास किए , जिसके बाद
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