eMag_July2022_DA | Page 44

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कट्रपंथियों के

निशाने पर दद्लि

' जय भीम — जय मीम ' का नारा खोखला लगातार दलितों का उत्ीडन कर रहे अल्पसंख्यक

दलित आंदोलन पलरिका ब्यूरो fga

दुओं को नरीचा दिखाने के लिए वामपंथियों द्ारा लगाया जाने वाला ' जय भरीम-जय मरीम ' का नारा अ्सर कई मौकों पर सुनाई पडिा है । कई बार ऐसरी कोशिशें करी जािरी हैं कि ये संदेश फैलाया जाए कि दलितों के असलरी हितैिरी मुस्लम समुदाय के लोग हरी हैं । लेकिन हकरीकत
्रा है ये खबरों से पता चलता है । ' जय भरीम — जय मरीम ' के नारे करी हकरीकत यह है कि इसकरी आड में अ्पसंखरक समुदाय द्ारा किए जाने जाने वाले दलित उतपरीडन के मामलों को दबा और छिपा दिया जाता है । जबकि सच तो यह है कि अ्पसंखरक समुदाय द्ारा दलितों का उतपरीडन किए जाने के मामले देश भर से लगातार सामने आ रहे हैं । किसरी नूरपूर गाँव में दलित
करी बारात पर अंड़े फेंकने करी घटना को अंजाम दिया गया है तो किसरी राजगढ़ में दलित दू्हे पर पतथरबाजरी हुई । कहीं दलित राजू बेटियों को बचाने के च्कर में मार दिया गया तो कहीं नागराजू को मुस्लम लडकरी से शादरी करी सजा जान देकर भुगतनरी पड़ी । इन सब मामलों में एक बात जो कॉमन दिखाई पड़ती है वह है मुसलमानों द्ारा दलितों के साथ जातिगत भेदभाव किया जाना और उनका उतपरीडन किया जाना । दलित की बारात पर फें के गए अंडे
सबसे ताजा घटना अलरीगढ़ के नूरपूर करी है । खबर है कि मुस्लमों के तरोहार बकररीद करी तैयारियों के बरीच जाटव समाज के धम्यिरीर अपनरी बेटरी करी शादरी करवा रहे थे । लेकिन जब बारात गाँव में पहुँचरी तो ्थानरीर मुस्लमों ने बारात के ऊपर अंड़े बरसाने शुरू कर दिए । विरोध हुआ तो बारातियों से गालरी-गलौच करी गई और उनहें जातिसूचक शबद भरी कहे गए । घटना के संबंध
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