उपलकबध के कारण आपको एक माक्ि्यस ्कॉलर के रूप में चुना गया है । यह सममान अतरतधक प्रतिष्ठित है और इस उपलकबध पर आपको गर्व होना चाहिए ।’
झोपड़पट्ी में रह कर की पढ़ाई
प्रेम कुमार फुलवाररी शररीफ के गोनपुरा महादलित बस्ती करी झोपडपट्टी में रहते हैं । जिस घर में प्रेम के इतने साल बरीिे हैं उसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे । ऐसरी जगह से उठकर अपनरी पढ़ाई के दम पर ढाई करोड का ्कॉलरशिप हासिल करना किसरी करिशमे से कम नहीं है । झोपडपट्टीनुमा घर के एक अंधेरे कमरे में लाइट जला कर पढ़ाई करने वाले प्रेम अब अमेरिका के एक बड़े कॉलेज में पढ़ाई करेंगे । मात्र 12 साल करी उम्र में अपनरी मां को
खो देने वाले प्रेम के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं । प्रेम करी मां का निधन 12 साल पहले जमरीन पर सोने से लकवा मारे जाने के कारण हो गया था । दिहाड़ी मजदूर होने के बाद भरी पिता ने अपने बच्चे को पढ़ाया । रिपोरस्य करी मानें तो प्रेम ढाई करोड का ्कॉलरशिप हासिल करने वाले पहले और एकमात्र भारिरीर युवक बन गए हैं । उनकरी इस सफलता पर आसपास के लोग उनहें मिठाई खिला रहे हैं ।
महादलित मुसहर समुदाय के लाल
प्रेम बिहार के महादलित मुसहर समुदाय से आते हैं और अपने परिवार से कॉलेज जाने वाले पहले सद्र होंगे । उनका परिवार गररीबरी रेखा से नरीचे ( बरीपरीएल ) करी श्ेणरी में आता है
और राशन कार्डधारक है । वे वर्तमान में शोषित समाधान केंद् में 12वीं कक्षा के छात्र हैं । लाफायेट कॉलेज में वे मैकेनिकल इंजरीतनररिंग और अंतरराष्ट्ररीय संबंध करी पढाई करेंगे । प्रेम को प्रापि 2.5 करोड करी छात्रवृतत् लाफायेट कॉलेज में 4 साल करी उनकरी पढ़ाई और रहने का पूरा खर्च कवर करेगरी । इसमें ट्ूशन , निवास , किताबें और आपूर्ति , ्िा्थर बरीमा , यात्रा वरर , इतरातद शामिल हैं । छात्रवृतत् मिलने पर प्रेम ने कहा ‘ यह अविशिसनरीर है ! मेरे माता-पिता कभरी ्कूल नहीं जा सके । मैं भरी अपने पिता करी तरह खेतों और निर्माण्थलों पर काम करते रह सकता था । प्रेम के मुताबिक , शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वालरी डेक्सट़ेरिटरी सं्था ने मुझे न केवल बड़े सपने देखने में सक्षम बनाया , बल्क उन सपनों को हकरीकत में बदलने के लिए मुझे कठोर प्रशिक्षण भरी दिया । इस सं्था के संपर्क में आने के बाद भारत के महानतम राष्ट्र निर्माताओं करी जरीिन यात्राओं से मेरा परिचय हुआ । इसके अलावा राष्ट्ररीय और अंतरराष्ट्ररीय प्रतियोगिताओं के लिए मेरा प्रशिक्षण जाररी रखा गया और उच्च शिक्षा के लिए मेरे उद्ेशर और दृष्टि को आकार दिया ।
पिता है दिहाड़ी मजदूर
प्रेम कुमार ने अपनरी सफलता करी यात्रा के बारे में बताया कि उनहोंने बहुत संघर्ष किया है । वह मानते हैं कि अगर संघर्ष नहीं होता तो वो यह उपलकबध प्रापि नहीं कर पाते । उनहोंने कहा कि उनहें पढ़ाई के दौरान जो भरी अवसर मिले उनहोंने उसमें तह्सा लिया और अपनरी मंजिल प्रापि करी है । उनहोंने अपने बाते में बताया कि वह बहुत हरी गररीब परिवार से आते हैं , उनके पिताजरी खेत में मजदूररी करते हैं और उनकरी माता जरी का ्िग्यिास हो गया है । प्रेम करी सफलता करी खबर सुनते हरी पूरा परिवार खुशरी से झूम उठा है । प्रेम करी बड़ी बहन और पिताजरी ने खुशरी जताते हुए कहा कि यह उनके समाज हरी नहीं बल्क पूरे देश के लिए गर्व करने करी बात है । �
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