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रिकॉर्ड समर्थन से जीत तय
फिलहाल एनडरीए ने अपने उम्मीदवार करी जरीि और भरी सुतनकशचि कर लरी है , ्रोंकि ओडिशा के मुखरमंत्ररी निरीन पटनायक ने इस फैसले का ्िागत किया है , ्रोंकि द्ौपदरी मुर्मू ओडिशा से हरी ता्लुक रखिरी हैं । चूंकि द्ौपदरी मुर्मू झारखंड करी राजरपाल रहरी हैं और झारखंड अनुसूचित जनजाति बहुल राजर है , इसलिए हेमंत सोरेन भरी उनका समर्थन करने के लिए बाधर हो जाएंगे । इस तरह से एनडरीए ने कररीब 60 फरीसदरी वोट प्का कर लिया है । लेकिन द्ौपदरी मुर्मू का महति सिर्फ राष्ट्रपति चुनाव जरीिने तक सरीतमि नहीं है ।
आदिवासियों की आंकांक्षाओं को पंख
आरएसएस ने दशकों से आदिवासरी बहुल इलाकों में वनवासरी क्राण आश्म के जरिये काफरी काम किया है । देश में दलित राजनरीति सामने आई है , महिला राजनरीति भरी सामने आ रहरी है , अ्पसंखरक राजनरीति सामने आई है और अब आदिवासरी राजनरीति को एक नई बढ़त मिलेगरी । आदिवासियों करी आकांक्षा को नई बढ़त मिलेगरी । इस फैसले से तनकशचि रूप से आदिवासियों को महति दिया गया है , जिसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में दिखेगा । अब बात करते हैं विपक्ष करी , जिसने यशवंत सिनहा को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है ।
विपक्ष की पिटी भद
शुरि है कि शरद पवार , फारूक अबदु्ला और गोपाल कृष्ण गांधरी के इनकार करने के बाद अंततः विपक्ष को एक उम्मीदवार मिल गया । अगर यशवंत सिनहा भरी इनकार कर देते , तो विपक्ष करी भद पिट जािरी । लेकिन यशवंत सिनहा ने तृणमूल कांग्ेस से इस्तीफा दे दिया और उनहोंने कहा कि वह विपक्ष करी एकजुटता के लिए कोशिश करेंगे । विपक्ष ने जिस तरह से उम्मीदवार का चयन किया है , उससे उसकरी

“ बसपा मुर्मू के साथ खडी , विपक्षी एकता दिखावा ”

'' हमने राष्ट्रपति चुनाव में एनडमीए की उम्मीदवार द्रौपदमी मुर्मू को समर्थन देने का फै सला किया है । बमीएसपमी एनडमीए या यूपमीए की पिछलग्ू पाटशी नहीं है । बमीएसपमी स्िंत् और निडर रहकर काम करने वालमी पाटशी है । अगर कोई पाटशी देश के पिछले और उपेलक्ि वर्ग के लिए काम करता है तो बमीएसपमी उसके साथ खड़मी रहेगमी । फिर चाहे वो फै सला हमारे खिलाफ कितना भमी नुकसानदेह क्ों ना साबित हो । बसपा का उद्ेश्य बाबा साहब भमीमराव अं बेडकर के थसधिांिों पर काम करना है । कु छ लोग बसपा को बदनाम करने का कोई मरौरा नहीं छोड़ते , हमारे विधायकों को तोड़ने का काम किया जाता है । यूपमी में बमीएसपमी के नेतृत्व में चार बार की सरकार ने हमेशा दलितों , शोषितों और वंचितों के हित में काम किया है । राष्ट्रपति चुनाव में हमें ये देखने को मिला कि विपक्षी दलों ने अपनमी मनमानमी की और बमीएसपमी को विपक् ने अलग-थलग रखा । 15 जून को ममता बनजशी ने सिर्फ गिनमी चुनमी पार्टियों को राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के चयन के लिए आमंदत्ि किया । इसके बाद 21 जून को शरद पवार ने भमी इसमी मुद्े पर ममीनटंग बुलाई और दोनों हमी बार बमीएसपमी की अनदेखमी की गई और उसे ममीनटंग में नहीं बुलाया गया । इससे ममता बनजशी और शरद पवार की जातिगत सोच जाहिर होिमी है और इनकी एकता दिखावा हमी लगिमी है ।''
— सुश्री मायाविमी
लापरवाहरी , तैयाररी करी कमरी , एकजुटता का अभाव सामने आया है । िरीन उम्मीदवारों का इनकार कर देना कोई छोटरी बात नहीं है ।
पददे के पीछे पूरी तैयारी
एक ऐसा भरी जमाना था , जब पूररी तैयाररी के साथ राजनरीति करी जािरी थरी । बेशक खुलासा नहीं किया जाता था , लेकिन इंदिरा गांधरी एक साल पहले हरी तय कर लेिरी थीं कि अगला राष्ट्रपति उम्मीदवार कौन होगा । हालांकि वह काफरी कद्ािर नेता थीं , जैसे कि आज नरेंद् मोदरी हैं , लेकिन काफरी सोच-विचार कर तैयाररी
के साथ हरी वह उम्मीदवार का चयन करिरी थीं । गठबंधन करी राजनरीति में ऐसा कर पाना किसरी के लिए भरी मुकशकल होता है । लेकिन यह मानते हुए भरी , पददे के परीछ़े तैयाररी तो होनरी हरी चाहिए थरी ।
विपक्ष की दिशाहीनता स्पष्ट
एक समय था , जब सब कुछ पहले तय हो जाता था और बैठक में बस साझा फैसला घोषित होता था , लेकिन आज विपक्ष बैठक में किसरी फैसले पर पहुंचने के लिए सोचना शुरू करता है । जाहिर है , राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के
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