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11 करोड आदिवासियों पर छोडी छाप
भाजपा ने उड़ीसा से अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वालरी द्ौपदरी मुर्मू के साथ न सिर्फ उड़ीसा में अपनरी पहुंच और पकड मजबूत करी है । बल्क देश करी तकररीबन 11 करोड से जरादा आदिवासरी समुदाय में अपनरी अलग छाप छोडने का प्रयास भरी किया है । आदिवासियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए बनाए गए राष्ट्ररीय आयोग के पूर्व सद्र अर्जुनराम गौंड कहते हैं कि द्ौपदरी मुर्मू के नाम को देश के सबसे पिछड़े समुदाय को आगे लाने करी प्रतरिया के तौर पर देखा जाना चाहिए । अर्जुन कहते हैं कि इसमें जो लोग राजनरीति तलाश रहे हैं दरअसल वे लोग देश के सबसे पिछड़े समुदाय के लोगों को आगे आने और उनमें सकारातमकता का अहसास कराने से रोकना चाहते हैं । गौंड कहते हैं कि भाजपा ने द्ौपदरी मुर्मू के नाम से राजनैतिक दांव चला या नहीं , यह चर्चा का विषय होना हरी नहीं चाहिए । वह कहते हैं कि किसरी पाटटी ने पहलरी बार आदिवासरी और उसमें भरी महिला को देश करी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उतारा है । यह इस समाज के लिए न सिर्फ सममान करी बात है बल्क देश करी समरूपता को भरी दर्शाता है ।
फें का बडा पासा !
राजनैतिक विशलेिक अमलेंदु प्रकाश कहते हैं कि द्ौपदरी मुर्मू के नाम से भाजपा ने आने वाले विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा पासा फेंका है । प्रकाश के मुताबिक भाजपा ने न सिर्फ उड़ीसा बल्क देश के सभरी आदिवासरी प्रदेशों में अपनरी मजबूत पकड बनाने के लिए संदेश देना शुरू कर दिया है । उड़ीसा , मधरप्रदेश , झारखंड , छत्तीसगढ़ और राज्थान जैसे राजरों में आदिवासियों करी अच्छी खासरी तादाद है । इनमें से कुछ राजरों में अगले कुछ महरीनों में विधानसभा चुनाव भरी हैं । इसलिए द्ौपदरी मुर्मू के नाम से देश के तकररीबन 11 करोड़ से जरादा करी आबादरी वाले आदिवासरी राजरों में भाजपा
का वोट बैंक मजबूत माना जा सकता है ।
आपसी समरूपता की निशानी
राजनरीतिक विशलेिक ओम प्रकाश पवार कहते हैं कि भाजपा सिर्फ विधानसभा के चुनाव हरी नहीं बल्क लोकसभा के चुनावों में भरी द्ौपदरी
मुर्मू करी विजय के साथ बहुत खुश रखने करी कोशिश करेंगरी । पवार कहते हैं दरअसल भाजपा ने आदिवासरी समुदाय करी महिला को आगे करके राजनैतिक हलकों के अलावा समाज के गैर आदिवासरी समुदाय में भरी जबरद्ि तररीके से संदेश देने करी कोशिश करी है । वे कहते हैं कि
24 tqykbZ 2022