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खुशियों के उजाले से जगमगा रहा मुर्मू का मायका द्रौपदमी के संघर्ष का साक्षी रहा है ऊपरबेड़ा गांव

दलित आंदोलन पलरिका ब्यूरो

पदरी मुर्मू के पैतृक गांव और nzkS

मायके ऊपरबेड़ा में खुशरी का
माहौल है । ऊपरबेडा गांव का माहौल सामानर दिनों से अलग है । ओतडशा के रायरंगपुर से कररीब 25 किलोमरीटर दूर इस गांव में पूररी रौनक है । मेले जैसा नजारा है ।
हर चौक चौराहे पर एक हरी चर्चा है कि अब अपने घर करी बेटरी राष्ट्रपति बन रहरी है । ऊपरबेडा में 300 घर हैं और यहां लगभग 6000 लोग रहते हैं । युवाओं में अलग जोश नजर आ रहा है । चुनाव बाद जश्न करी तैयाररी शुरू हो गई है । 25 साल के बाइलोचन गिररी को तो यहरी लग रहा है कि वहरी राष्ट्रपति बन
गए हैं । वह कहते हैं , खुशरी वर्ि करने को शबद नहीं है । गांव के अधिकतर लोग हाट में जुट़े हैं । तय हुआ है कि शाम को ढोल नगाड़े के साथ जश्न मनेगा ।
दान कर दी जमीन
20 जून 1958 को बिरंचरी नारायण टुडू के tqykbZ 2022 17