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का बहिष्कार कर दिया । पतथलगडरी समर्थकों ने संविधान करी विभिन्न धाराओं को अपने हिसाब से परिभाषित कर दावा किया कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में संसद या विधानमंडल का कोई भरी सामान कानून लागू नहीं हैl अनुच्छेद 15 के पारा 1 से 5 के तहत , ऐसे लोग जिनके गांव में आने जाने से सुशासन करी शक्ि भंग होने करी संभावना है उनका प्रवेश वर्जित कर दिया थाl धरीरे-धरीरे यह आंदोलन हिंसक हो गया । आंदोलनकारियों ने पुलिसकर्मियों तक को बंधक बना लिया था । इन क्षेत्रों में पारंपरिक ग्ाम सभाओं को सर्व शक्िशालरी होने का ऐलान किया गया ।
बना ली थी समानांतर सरकार
आंदोलनकारियों ने भारत के संविधान को
“ गरौरव की अनुभूति कर रहा जनजातीय समाज ” '' राजग के राष्ट्रपति पद की
प्रत्ाशमी श्रीमिमी द्रौपदमी मुर्मू के नाम की घोषणा से हमी जनजािमीय समाज अत्ंि गरौरव की अनुभूति कर रहा है । मुझे विश्ास है कि उनके प्रशासनिक व सार्वजनिक अनुभव का लाभ पूरे देश को मिलेगा ।'' — अमित शाह
मानने से इंकार कर दियाl उनहोंने कहा कि वोटर कार्ड और आधार कार्ड आदिवासरी विरोधरी द्िािेज हैंl यह कह कर उसे सरेंडर भरी कर दियाl साथ हरी सरकाररी योजनाओं का लाभ लेने से इनकार कर दियाl आंदोलन के नेता जोसेफ पूर्ति के नेतृति में बाकायदा कैंप लगाकर खूंटरी के इलाके में लोगों ने गांव के बाहर बैरिकेडिंग कर दरीl साथ हरी बिना इजाजत के लोगों के अंदर प्रवेश पर पाबंदरी लगा दरीl
हिंसक हुआ आंदोलन , प्रशासन बेबस
पतथलगड़ी आंदोलन करी शुरुआत खूंटरी से हुई थरी । 2017 के अग्ि महरीने में शुरू हुए इस आंदोलन ने 2018 में हिंसक रूप ले लिया जिसकरी वजह से ततकालरीन लोकसभा स्पीकर कतडरा मुंडा के गांव में आदिवासियों और पुलिस
के बरीच हिंसक झडप भरी हुई । 2017 में हरी एसपरी और 300 पुलिसकर्मियों को आंदोलनकारियों ने बंधक बना लिया था । पतथलगड़ी आंदोलन करी सूचना मिलते हरी वहां के ततकालरीन एसपरी अकशिनरी कुमार और लगभग 300 पुलिसकर्मियों ने गांव में करी गई बैरिकेडिंग हटाकर प्रवेश किया , उसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उनहें बंधक बना लिया ।
राज्यपाल ने किया हस्क्षेप
पतथलगडरी समर्थकों के साथ प्रशासन करी भिड़ंत के बाद ततकालरीन गवर्नर द्ौपदरी मुर्मू ने पहल कर उनहें बात करने राजभवन आने का आमंत्रण दिया । कररीब 500 से अधिक समर्थक और ग्ाम प्रधान गाड़ियों से राजभवन आए । उनहोंने राजरपाल से मुलाकात करी । उस मुलाकात में मुर्मू ने उनहें संविधान के प्रति विशिास जताने करी अपरील करी । साथ हरी उनहें आंदोलन वापस लेने करी भरी कहा । गवर्नर करी अपरील के बाद आंदोलन शांत हुआ था ।
संवेदना के साथ समाप्त कराया आंदोलन
वहां के भंडरा गांव में आंदोलनकारियों के खिलाफ 24 जून 2017 को पहला मामला दर्ज हुआ । जिले में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में कुल 19 मामले दर्ज किए गए । इसमें 172 नामजद सहित अनर को अभियु्ि बनाया गया । हालांकि राजर में 2019 में नई सरकार के गठन के बाद हुई पहलरी कैबिनेट बैठक में पतथलगडरी समर्थकों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का फैसला लिया गया । यह राजरपाल के तौर पर द्ौपदरी मुर्मू करी पहल और संवेदनशरीलता के साथ मामले को सुलझाने के प्रयासों करी हरी सफलता रहरी कि शासन और आंदोलनकारियों के बरीच सामंज्र का माहौल बना । दोनों ने एक दूसरे करी भावनाओं का सममान करी दिशा में पहलकदमरी करी और आखिरकार यह पूरा आंदोलन समापि हो सका । �
16 tqykbZ 2022