eMag_July2021_Dalit Andolan | Page 45

पहले का तक्सा बताते हुए कहते हैं कि उस वक़ि जब उनहोंने अपने गांव के ही कुछ वयशकियों को अपनी इचछा बताते हुए कहा थिा कि ‘ मैंने झाड़ू उठाई लेकिन मेरा बेटा अब बंदूक लेकर देश की सेवा करेगा ’, तो उनकी यह बात सुनकर वे सभी हंसने लगे थिे । उनमें से कुछ लोगों ने तो यह सलाह भी दे दी कि ‘ इतना बड़ा मत सोचिो !’ पर बिजेंद्र कुमार ने उनकी कही बातों व उनकी किसी फालतू सलाह पर धयान नहीं दिया और उनके सपने का म्ाक बनाए
जाने की भी परवाह नहीं की ।
फिर उनहोंने अपने बड़े बेटे को पढ़ने के लिए राजस्थान भेज दिया । उनहोंने बेटे को इस मुकाम तक पहुँचिाने के लिए जी तोड़ कोशिश की । और फिर गत 12 जून के दिन बिजेंद्र का सपना पूरा हुआ । यह वह दिन थिा , जिस दिन उनका 21 साल का बेटा सुजीत देहरादून के इंडियन मिलिट्री अकादमी से ग्ेिुएट हुआ । अपने बेटे को एक अधिकारी के रूप में सफल होने की खबर सुनकर पिता की आंखों में खुरी के आंसू छलक
आए ।
उत्र प्देश के चिंदौली जिले के बसीला गांव निवासी सुजीत ना केवल इंडियन आमजी ऑफिसर बने हैं , बशलक वे अपने गांव से यह ख़ास उपलशबध पाने वाले प्रथम वयशकि भी बने हैं । उनके छोटे भाई-बहन कॉशमपतटरन एगिाम की तैयारियों में लगे हैं , अब उनके बड़े भाई सुजीत उनके लिए रोल मॉडल बन गए हैं । सुजीत का परिवार इस समय वाराणसी में रहता है । उनके पिताजी ने मीडिया से बािचिीत के
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