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अलका आर्य
रोधी टीकाकरण के मामले में भारत ने अमेरिका को पीछे कर
कोविड-19
दिया है । भारत में टीका लगवाने वालों की संखया वि्ि में सबसे जयादा हो गई है । केंद्रीय ्िा्थय एवं परिवार कलयाण मंत्लय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश के अधिकांश आदिवासी जिले अखिल भारतीय टीकाकरण कवरेज से अचछा प्दर्शन कर रहे हैं । आदिवासी जिलों में टीका लगवाने वालों का लिंगानुपात ( ्त्ी-पुरुष संखया ) भी बेहतर है । यह आंकड़े सामाजिक-आतथि्शक दृशषट से हाशिये पर रहने वाले आदिवासियों की कोरोना से सुरक्षा बाबत एक उममीद तो जगाते हैं , लेकिन अभी भी कुछेक आदिवासी जिलों में कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान को तेजी देने की जरूरत है । गौरतलब है कि इसी माह जून में 20 ्ििंत् शोधाíथियों और आदिवासी अधिकारों पर काम करने वाले संगठनों के प्तिनिधियों ने केंद्रीय मंत्ी अर्जुन मुंडा को एक पत् लिखा है । इसमें ऐसे आदिवासी इलाकों की ओर उनका धयान खींचिा गया है , जहां टीकाकरण की दर कम है ।
देश में करीब 10 करोड़ 40 लाख आदिवासी आबादी है यानी कुल आबादी का 8.6 प्तिशत । आंकड़ों के अनुसार केंद्रशासित लद्ाख के लेह जिले में कोरोना से बचिाव के लिए ्िा्थय कार्यकर्ताओं , फ्ंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से अधिक आयुवर्ग में सौ फीसद लोगों को टीके की पहली डोज लग गई है । झारखंड और छत्ीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में टीकाकरण की दर संतोषजनक है । छत्ीसगढ़ के आदिवासी बहुल सुकमा जिले में 45 साल से अधिक आयु वाले लोगों में टीकाकरण दर 90 फीसद से
देश का वनवासी टीकाकरण में सबसे आगे
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