तक फैलता जा रहा है , जहां भाजपा को अछूत समझा जाता थिा । 370 की समाशपि ने राजय में रहने वाले दलित जनता सर्वाधिक प्सन्न है । बदलाव की जारी प्तरिया के अंतर्गत अब राजय में परिसीमन को प्तरिया भी प्ारमभ हो चिुकी है । नयायमूर्ति ( सेवानिवृत् ) रंजना प्काश देसाई की अधयक्षता में परिसीमन आयोग ने विधानसभा सीटों / लोकसभा सीटों की परिसीमन प्तरिया को पूरा करने के लिए राजनीतिक दलों , सरकारी कार्यालयों आदि के प्तिनधियों के साथि विचिार- विमर्श प्ारमभ कर दिया है ।
राजय में लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन के मसले पर गत 24 जून को प्धानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने जममू-क्मीर के नेताओं के साथि सर्वदलीय बैठक की थिी । बैठक में शमिल हुए शामिल राजनीतिक दलों के नेताओं को प्धानमंत्ी मोदी ने ्पषट सनदेर दिया थिा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता जममू-क्मीर
में जमीनी ्िर पर लोकतंत् को मजबूत करना है । परिसीमन तेज गति से होना है जिससे चिुनाव कराए जा सकें और जममू-क्मीर को एक चिुनी हुई सरकार मिल सके जो जममू-क्मीर के विकास को मजबूती दे । लोगों , खासकर युवाओं को जममू-क्मीर का राजनीतिक नेतृति देना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों ।
प्धानमंत्ी मोदी की राजय के 14 दलों के साथि हुई बैठक में शामिल राजनीतिक दलों में से सिर्फ पीडीपी नेता महबूबा मुफ़िी ने परिसीमन प्तरिया का विरोध किया । उनहोंने तर्क दिया कि जब केंद्र सरकार तालिबान से बात कर सकती है तो पातक्िान से कयों नहीं ? उनहें अवाम के लिए जममू-क्मीर के नेताओं से भी बात करनी चिाहिए । फिलहाल महबूबा मुफ़िी ने महबूबा अनुचछेद-370 की पुन : बहाली की मांग पर अड़ी हुई हैं । महबूबा के अलावा अनय सिर्फ
दलों ने नेताओं ने परिसीमन प्तरिया को जारी रखने का समथि्शन किया है ।
राजय में लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल माचि्श माह में उच्चतम नयायालय की सेवानिवृत् नयायमूर्ति रंजना प्काश देसाई के नेतृति में परिसीमन आयोग का गठन किया थिा । आयोग के अनय सद्यों में चिुनाव आयुकि सुशील चिंद्रा और जममू-क्मीर के चिुनाव आयुकि के . के शर्मा भी शामिल हैं । आयोग की टीम ने 6 जुलाई से लेकर 9 जुलाई तक महबूबा मु्िी की पीडीपी को छोड़कर प्देश में पंजीकृत सभी 11 राजनीतिक दल के साथि ही कई संगठनों के प्तिनिधियों से मुलाकात करके उनके सुझाव लिए ।
राजय में जारी परिसीमन की प्तरिया से नागरिकों , विशेष रूप से दलित समाज के लोगों में सबसे जयादा उतसाह देखा जा रहा है । कारण
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