eMag_July2021_Dalit Andolan | Page 11

एक ही है भारत में रहने वाले हिन्दू-मुस्लिम का डीएनए : मोहन भगवत

में रहने वाले प्तयेक वयशकि का डीएनए एक ही है । सिर्फ पूजन भारत

विधि के आधार पर हिनदू और मुस्लम का अलग नहीं किया जा सकता है । हिंदू-मुस्लम एक हैं और इसका आधार है हमारी मातृभूमि । सभी भारतीयों का डीएनए एक है । इसलिए अब समय आ चिुका है कि भाषा , प्ांि और अनय विषमताओं को छोड़कर हम एक हों और भारत को वि्िगुरू बनाएं । भारत वि्िगुरू बनेगा तभी दुनिया सुरक्षित रहेगी । राषट्रीय ्ियं सेवक संघ के सरसंघचिालक मोहन भगवत ने यह आह्ाहन करते हुए कहा कि देश के अंदर राजनीति ने जो अलगाव पैदा किया है , उसे हटाना होगा । भारत हिनदू राषट्र है लेकिन लिंतचिंग करने वाले अपराधी हैं । हम उनका समथि्शन नहीं करते । इसी तरह अगर कोई हिंदू कहता है कि यहां कोई मुसलमान नहीं रहना चिाहिए , तो वह वयशकि हिंदू नहीं है । हम कहते हैं कि गौ माता पूजनीय है , गाय एक पवित् जानवर है लेकिन जो लोग दूसरों को मार रहे हैं वे हिंदुति के खिलाफ जा रहे हैं । कानून को बिना किसी पक्षपात के उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चिाहिए ।
उत्रप्देश स्थित गाज़िबाद में पूर्व प्धानमंत्ी पीवी नरसिमहा राव के सलाहकार रह चिुके डा . खिािा इफ्िखार अहमद की पु्िक ‘ द मीटिंग ऑफ माइंडस : अ तरिजिंग इनिशिएटिव ( वैचिारिक समनिय : एक वयािहारिक पहल )
का विमोचिन समारोह को समबोतधि करते हुए सरसंघचिालक मोहन भगवत ने कहा कि किसी को भी यह नहीं समझना चिाहिए कि इस पु्िक का विमोचिन वोट बैंक पॉलिटिकस के लिए किया गया है । कारण यह है कि राषट्रीय ्ियंसेवक संघ सिर्फ राषट्रवाद के लिए काम करता है । राजनीति ्ियंसेवकों का काम नहीं है । संघ जोड़ने का काम करता है , जबकि राजनीति ताेड़ने का हतथियार बन जाती है । राजनीति की वजह से ही हिंदू-मुस्लम एक नहीं हो सके हैं । संघ चिुनाव में अपनी पूरी ताकत लगाता है लेकिन जो भी करता है राषट्र हित में करता है । उनहोंने कहा कि पु्िक को बिना देखे ही मैंने इसके विमोचिन के लिए हां कर दिया थिा , कयोंकि इसमें प्माणिकता का आह्ान किया गया है ।
उनहोंने कहा कि हिंदू-मुस्लम एकता शबद ही भ्रामक है । हिंदू-मुस्लम अलग हैं ही नहीं , हमेशा से एक हैं । जब लोग दोनों को अलग मानते हैं तभी संकट खड़ा होता है । हमारी श्द्धा आकार और निराकार दोनाें में समान है । हम मातृभूमि से प्ेम करते हैं कयोंकि ये यहां रहने वाले हर एक वयशकि को पालती आई है और पाल रही है । जनसंखया के लिहाज से भविषय में खतरा है , उसे ठीक करना पड़ेगा । कुछ लोग अलपसंखयक कहते हैं , हम कहते हैं , हम सब एक हैं । हम हिंदू कहते हैं आप भारतीय कहते हो । शबदों की लड़ाई में नहीं पड़ना है । भारत को वि्िगुरू बनाना है । अलपसंखयकों के मन
में यह बिठाया गया है कि हिंदू उनको खा जाएंगे । लेकिन जब किसी अलपसंखयक पर बहुसंखयक अत्याचार करता है तो इसके खिलाफ आवाज भी बहुसंखयक ही उठाता है । आग लगाने वाला भाषण देने से प्तसद्ध तो हो सकते हैं , लेकिन इससे काम नहीं चिलेगा । अथिि्श वेद का जिरि करते हुए उनहोंने कहा कि अनेक भाषाओं को मानने वाले यहां रहते हैं । इस समय में जो लोग डर या सत्ा की वजह से एक नहीं होना चिाहते , वे गलत हैं । हमें बिना किसी लालचि के एक होना होगा । हमारी मातृभूमि एक है , लेकिन हम झगड़कर भी यहीं रहते हैं । यह हम सभी को शुरू से अब तक पालती आ रही है । पहले जो से भी लोग आए थिे , उनहें भी मातृभूमि ने अपनाया ।
संघ प्मुख भागवत ने मुस्लमों को भरोसा दिया कि उनहें डरने की जरूरत नहीं है । मुस्लमों को अपने मन से यह डर निकालना होगा कि इ्लाम खतरे में है । यह डर दिखाकर कुछ लोग अपना उललू सीधा कर रहे हैं । अब समय आ गया है , हिंदू-मुस्लम का नाम छोड़ो , झगड़ा छोड़ो । हम सभी को मिलकर भारत को वि्िगुरु बनाना है । यह दुनिया की आि्यकता है , इसी से दुनिया बचिेगी । भारत वि्िगुरु तभी बन सकता है , जब हिंदु और मुस्लम साथि मिलकर चिलें ।
( ्मपूि भाषण के सम्ाकित अंश ) प्रस्तुति- संजय दीकषित tqykbZ 2021 Qd » f ° f AfaQû » f ³ f ´ fdÂfIYf 11