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पूर्व प्धानमंत्रनी नेहरू थे मुसलमानों
बृजेश मविवे्दी
के संरक्ण के लिए समर्पित कांग्रेस है दलित विरोधी , डॉ अम्ेडकर
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भीमराव अमबेडकर समय से आगे की सोच रखने वाले जननायक थे । उनहोंने तब संविधान में उन चीजों को शामिल किया था , जो आज तक कई देश नहीं कर पाए हैं । पहली कैबिने्ट का हिससा होने के बावजूद , कांग्ेस के अधिकांश नेताओं के साथ बाबा साहेब भीमराव अमबेडकर के संबंध अपेक्ाककृत मजबूत आधार पर ल्टके थे , लेकिन इसके विपरीत , भारत के पहले प्रधानमंत्ी जवाहरलाल नेहरू के साथ उनके संबंधों के बारे में बहुत कम जानकारी ही सामने आई है ।
जातिगत आरक्ण , हिंदू कोड बिल और विदेश नीति पर उनके विचारों के समबनध में , उनके निषपादन के बारे में दोनों के काफी विपरीत विचार थे Iलेकिन डॉ . भीमराव अमबेडकर की समाज सुधारक वाली छवि कांग्ेस के लिए चिंता का कारण थी । शायद यही वजह थी कि पार्टी ने उनहें संविधान सभा से दूर रखने की योजना बनाई । नेहरू ने डॉ . अमबेडकर को किनारे करने में कोई कसर नहीं छोड़ी , ताकि वह मुखय धारा की राजनीति में न आ सकें , इसके लिए दीवारें खड़ी की गईं ।
27 सितंबर 1951 को कांग्ेस नेतृतव और विशेषकर जवाहर लाल नेहरू द्ारा कैबिने्ट से तयागपत् देने के लिए डॉ . भीमराव अमबेडकर
ने बता दिया था भाषण में
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