eMag_July 2023_DA | Page 30

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विलक्षण क्षमता और प्रतिभा
एक बात हम सभी को सदैव धयान में रखनी होगी कि अति सामानय परिवार में जनमे डा . भीमराव आमबेडकर , सभी प्रकार के अभाव , उपेक्ा , अपमान एवं तिरसकार सहते हुए अपनी विलक्ण क्मताओं और प्रतिभा के बल पर आज एक महतवपूर्ण सथान पर विराजमान हैं । उनकी प्रतिभा को देश ने सवीकार किया था । इसी के फलसवरूप , वे संविधान निर्मात्ी सभा के सदसय बने । उनके मन में यह लक्य था कि देश में असपृ्य बनधुओं को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने का प्रयास करूंगा । उनको आ्चयखा तो तब हुआ जब उनहें संविधान प्रारूप समिति का सदसय बनाया गया , और जब उनहें इस प्रारूप समिति का अधयक् बनाया गया तब तो उनके आ्चयखा की सीमा नहीं रही । उनको सवप्न में भी यह कलपना नहीं थी कि एक ऐसी सभा ( संविधान सभा ), जिसमें अधिकांश
सदसय तथाकथित उच्च जातियों के थे , मिलकर उन जैसे एक असपृ्य वयशकत को प्रारूप समिति का अधयक् भी बना सकते हैं । हम यहां विचार करेंगे कि डा . आमबेडकर का समाज सुधारक के रूप में मौलिक सवरूप कैसा है ?
हम जानते हैं कि विगत दो हजार वरतों की वयापक राजनीतिक एवं सामाजिक उथल-पुथल ने कुछ लवलचत् पररशसथलतयां खड़ी कीं और समाज में अनेक प्रकार के विभेद उतपन्न हो गये थे । इस दृष्टि से वयापक समाज सुधारों की आव्यकता थी । इस आव्यकता के अनुरूप ही डा . आमबेडकर एक समाज सुधारक थे तथा युगानुककूल सामाजिक वयवसथाओं की पुनसथाखापना के वे पुरोधा थे । सदियों से वंचित , उपेलक्त अपमानित एवं तिरस्कृत जातियों को उनहोंने आशा और लव्वास के साथ एक मजबूत संबल प्रदान किया , जो असहाय और असंगठित थे
उनहें एक मजबूत आधार और मंच दिया , भय और प्रताड़ना के कारण जिनकी वाणी मूक हो गई थी उनहें सशकत वाणी दी । साथ ही , अनयाय और अतयाचार के विरुद्ध एकजु्ट होकर संघर्ष करने की क्मता भी उनहें प्रदान की ।
यह बात हमारे समरण में सदैव रहनी चाहिए कि वे जिस वयवसथा के विरुद्ध लड़ रहे थे वह सदियों की रूढ़ परमपराओं के कारण दृढ़ हो गई थी और कहीं-कहीं तो उसने तथाकथित शासत्ों और धर्म की विककृत धारणाओं से सहारा लेने की कोशिश भी की थी । इस कारण , इन कुरीतियों , रूढ़ियों तथा मिथया मानयताओं की जड़ें गहरी थी तथा ये दीवारें बहुत मजबूत थीं । इनसे संघर्ष लेना और उनको ढहाना आसान न था । डा . आमबेडकर ऐसे दृढ़ प्रलतज् वयशकत थे जिनहोंने अपने बालयकाल से लेकर संविधान प्रारूप समिति के अधयक् पद तक इन भेदभावों
30 tqykbZ 2023