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दलित आंदोलन पलरिका ब्यूरो iz
धामी राज में आया कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलार्
जनसमस्ाओ ंके समाधान में दिख रही है तेजी पेंच फं साने र्ाले अक्धकारी ही कर रहे हैं फाइलों निस्तारण
देश वह़ी , अधिकाऱी वह़ी , समसयाएं वह़ी और सरकार भ़ी वह़ी । लेकिन नेतृति परिवर्तन के बाद पूऱी तस्वीर में कैसे और कितना गुणातमक बदलाव आ गया है इसका एहसास उत्राखंड के लोगों को महसूस हो रहा है । वासति में देखा जाए तो उत्राखणड में इन दिनों ' वर्क क्िर ' के बदलाव क़ी बयार बहत़ी हुई दिखाई पड रह़ी है । सिर्फ शहरों के ह़ी नहीं बल्क गांव-देहात के आम लोगों को भ़ी यह महसूस हो रहा है कि अब सरकाऱी सिसटम में उनक़ी सुनवाई होने लग़ी है । जम़ीऩी सतर पर प्रशासन मुसतैद है और जनसमसयाओं के समाधान पर जोर दे रहा है । अधिकाऱी भ़ी समय पर दफतर में बैठने लगे हैं और अब वह फाइलों में पेंच फंसाने या नुकस तलाश कर अडंगा लगाने के बजाए फाइलों का तेज़ी से निसतारण करने को प्राथमिकता दे रहे हैं ।
पटरी पर आई बेलगवाम नौकरशवाही
उत्राखंड क़ी सरकाऱी व प्रशासनिक कार्य संसकृलत में जो यह परिवर्तन संभव हुआ है उसके प़ीछे सबसे बड़ी वजह मुखयमंत्री श्री पु्कर सिंह धाम़ी क़ी दृढ इचछाशलकत ह़ी है । वर्ना , बात जयादा पुराऩी नहीं है जब उत्राखणड के नौकरशाह अपऩी बेलगाम़ी के लिए चर्चाओं में रहते थे । आम जनता के लिए उनसे मिलना बडा मुलशकि काम था । ऐसे में समसयाओं का समाधान नहीं हो पाता था । प्रशासन हो या शासन , जनहित से जुडे मुद्ों क़ी फाइलें अधिकारियों के टेबल पर धूल फांकत़ी रहत़ी थ़ी । लोग छोटे — छोटे काम
कराने के लिए भ़ी चककर काटते रहते थे लेकिन काम होने क़ी कोई राह नहीं निकलने से परेशान होते रहते थे ।
सरलीकरण , समवाधवान और निस्तारण कवा सूत् िवाक्य
लेकिन , मुखयमंत्री धाम़ी ने सत्ा क़ी बागडोर संभालते ह़ी इस कार्यसंसकृलत को बदलने का ब़ीडा उठाया । अधिकारियों को सखत लनदजेश दिए कि जनता उपेलक्त नहीं रहेग़ी । अब अंतिम छोर पर खडे वयलकत क़ी सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर होग़ी । उनहोंने तहस़ीि से लेकर शासन तक के अधिकारियों के रोजाना दो घणटे ( सुबह 10 बजे से 12 बजे तक ) जनता के लिए निर्धारित कर दिए । वयिसथा बना द़ी कि इस दौरान अधिकाऱी सिर्फ आम लोगों से मिलेंगे । मुद्े और मांगों को अब लटकाया-अटकाया नहीं जाएगा बल्क उनहें हल किया जाएगा । इसके लिए कार्य संसकृलत में बदलाव के सूत् वाकय ' सरि़ीकरण , समाधान और निसतारण ' का भ़ी उनहोंने ऐलान कर दिया ।
' नो पेंडेंसी ' वर्क कलचर को बढवािवा
धाम़ी राज में दो टूक शबदों में अफसरों से कह दिया गया है कि तहस़ीि से लेकर राजय सचिवालय तक जिस अधिकाऱी का जो अधिकार है वो उसके अनतग्थत आने वाि़ी समसयाओं का ततकाि निसतारण करे । अनावशयक उसे उच् अधिकारियों को रेफर न करे । साथ में जवाबदेह़ी तय करते हुए चेताया है कि लंबित मामले मिलने पर समबंलित अफसर को नाप दिया जाएगा । सबसे बड़ी बात
यह है कि ' नो पेंडेंस़ी ' वर्कक्िर को अपनाने क़ी शुरूआत मुखयमंत्री धाम़ी ने खुद से क़ी है । सुबह 6 बजे से लेकर देर रात तक जब भ़ी समय मिलता है वो अपऩी मेज पर रख़ी फाइलों का निसतारण करते हैं । इतना ह़ी नहीं धाम़ी ने अपने ग्ाउणड विजिट भ़ी बढाए हैं । रोजाना ह़ी उनका किस़ी न किस़ी जिले का दौरा लगा ह़ी रहता है ।
सरकवार पर बढ़ा जनविश्वास
बरसात का मौसम होने के बावजूद वह विषम भौगौलिक पररलसथलतयों वाले प्रदेश में संतुलित विकास क़ी अवधारणा को सच कर रहे हैं । मुखयमंत्री धाम़ी ने एक धयेय बनाया है कि उनक़ी सरकार जो भ़ी घोषणा करेग़ी वो जरूर पूऱी होग़ी । तय किया जा चुका है कि हर घोषणा का शासनादेश , शिलानयास और फिर लोकार्पण होगा । कोई घोषणा हवा में नहीं तैरेग़ी । समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं ( किसान , विद्ाथटी , कर्मचाऱी , लशक्क , वयापाऱी , महिला , बुजुर्ग और युवा ) कि जिनक़ी जायज मांगों को धाम़ी ने पूरा न किया हो , जबकि बतौर मुखयमंत्री उनका अभ़ी महज सवा दो माह का ह़ी कार्यकाल हुआ है । मुखयमंत्री धाम़ी का ऑन सपॉट फैसले लेने का यह अंदाज उनहें बाक़ी मुखयमंलत्यों से अलग बनाता है । जनता को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं । कार्यसंसकृलत और इचछाशलकत के बूते धाम़ी पर लगातार जनविशिास बढता जा रहा है । नेतृति में परिवर्तन के साथ कार्य संसकृलत में बदलाव क़ी बयार से आम लोगों को जो राहत और सुकून का एहसास हो रहा है उसका फायदा लनलशित ह़ी आगाम़ी चुनावों में भाजपा को मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता है । । �
tuojh 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 47