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पारदर्शिता सुलनलशित करने और विलभन् राजयों और जिलों के प्रदर्शन और दक्ता पर एक प्रतिबिंब देने के लिए बहुत आगे तक जाएगा ।
14 शहद किसवान उत्पादक संगठनों ( FPOs ) कवा गठन :
मधुमक्खी पालन गतिविधि को किसानों क़ी आय बढाने के प्रयास में " म़ीठ़ी क्रांति " ( Sweet Revolution ) को सफल बनाने के लिए इसके प्रचार और विकास के लिए भारत सरकार द्ारा महतिपूर्ण गतिविधियों में से एक के रूप में मानयता द़ी गई है । अगले पांच वर्ष में किसानों के लिए उच्-सतऱीय अर्थवयिसथा सुलनलशित करने के लिए " 10,000 किसान उतपादक संगठनों ( FPOs ) का गठन और संवर्धन " नामक एक केंद्रीय योजना शुरू क़ी गई थ़ी । इस योजना में , चिलनहत संभावित जिलों / राजयों में 100 शहद किसान उतपादक संगठनों का गठन कर मधुमक्खी पालन पर विशेष बल दिया गया है । राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन ( NHBM ) के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ( NBB ) ने देश के 100 किसटस्थ में शहद के लिए वैज्ालनक मधुमक्खी पालन मू्य श्ृंखला विकसित करने क़ी योजना बनाई है । ट्राईफेड
को कृषि मंत्ािय द्ारा छत्तीसगढ , हिमाचल प्रदेश , उत्राखंड , तमिलनाडु , कर्नाटक , आंध्र प्रदेश , ओडिशा और गुजरात में भारत़ीय राष्ट्रीय कृषि सहकाऱी विपणन संघ ( नैफेड ) और राष्ट्रीय डेयऱी विकास बोर्ड ( NDDB ) के साथ 14 शहद किसान उतपादक संगठनों के गठन के लिए कार्यानियन संसथा बनाया गया है । इन 14 शहद किसान उतपादक संगठनों का मानऩीय मंत्री द्ारा लोकार्पण किया गया ।
' जनजवािीय संिवाद नेटवर्क ' के लिए यूनिसेफ के सवाथ
सवाझेदवारी : यूनिसेफ के साथ अपऩी साझेदाऱी को आगे
बढ़ते हुए , ट्राईफेड ने " कोविड ट़ीका संघ , सुरलक्त वन , धन उद्म " नामक एक अभियान शुरू किया था , जिसका उद्ेशय जनजात़ीय समुदाय में कोविड-19 ट़ीकाकरण में तेज़ी लाना था । अभियान का केंरि त़ीन प्रमुख “ ज ” याऩी ज़ीिन , ज़ीलिका और जागरूकता हैं , और अभियान का मंत् है " संवाद से संबंध "। जनजात़ीय कार्य मंत्री ज़ी ने यूनिसेफ और विशि सिासथय संगठन ( WHO ) के सहयोग से इसका लोकार्पण किया और अब इसे पूरे भारत के 100 जनजात़ीय जिलों में शुरू किया जा रहा है । इस साझेदाऱी क़ी सफलता को देखते हुए , यूनिसेफ और ट्राईफेड ने , " जनजात़ीय संवाद नेटवर्क " − सामाजिक और वयिहार परिवर्तन के लिए जनजात़ीय नेटवर्क [ उभरत़ी डिजिटल , सामाजिक , वैकल्पक और मोबाइल क्रांति पर निर्मित लोगों से लोगों का ' समृद्धि ' मंच ] का शुभारंभ करने के लिए हाथ मिलाया है । ट्राईफेड और यूनिसेफ इस विशाल तंत् का उपयोग करते हुए , जिसमें 9 करोड से अधिक जनजात़ीय लोग , 52,976 वन धन सियं सहायता समूह , 3,110 वन धन विकास केंरि समूह , बाजार संघ , हाट बाजार तथा ट्राइबस इंडिया तनत् और राजय सतऱीय संसथायें शामिल हैं , एक मजबूत संचार प्रणाि़ी और मंच सथालपत करना चाहते हैं , जिसमें न केवल वन धन विकास केंरि शामिल हों , बल्क यह 9 करोड लोगों के ज़ीिन का विशाल
आधार भ़ी बने । ट्राईफेड और यूनिसेफ जनजात़ीय समुदाय के आर्थिक और सामाजिक सशलकतकरण के लिए कई माधयमों तथा संचार रणऩीलतयों और उपकरणों का उपयोग करेंगे । इस साझेदाऱी पर मुहर लगाने के लिए ट्राईफेड और यूनिसेफ के ब़ीि एक समझौते पर हसताक्र किए गए ।
ओडिशवा के जनजवािीय आजीविकवा पर शोध
प्रतिवेदन : अंत में , ट्राईफेड ने जेड़ी सेंटर ऑफ आ्स्थ
के सहयोग से , ओडिशा राजय के मयूरभंज , कयोंझर , सुंदरगढ , कोरापुट और रायगढ जिलों में जनजात़ीय कला और परंपरा का सामाजिक एवं सांसकृलतक शोध कार्य और मानवशासत्रीय अधययन किया । ' जनजात़ीय आज़ीलिका : ' संपोषण से संवहऩीयता ' श़ीष्थक वाला यह शोध प्रतिवेदन , जनजात़ीय समूहों क़ी रचनातमक क्मताओं और आसपास के पर्यावरण के साथ उनके परसपर जुडाि पर प्रकाश डालता है । यह प्रतिवेदन जनजात़ीय कला और लश्प क़ी जानकाऱी के भंडार का गठन करता है और उन बिनदुओं को भ़ी शामिल करता है जो जनजात़ीय समुदाय के सामाजिक विकास को बढािा देने के लिए जनजात़ीय ज़ीिन शैि़ी और आज़ीलिका को नियंलत्त करते हैं । ज्ान के इस भंडार में 7 संग़ीत वाद्यंत्ों क़ी सांसकृलतक , सामाजिक एवं ऐतिहासिक पृ्ठभूमि , 2 चित्काऱी एवं िसत् , 3 आज़ीलिका कला एवं लश्प , 20 से अधिक जनजात़ीय आभूषण और औषि़ीय गुणों वाले 72 लघु वनोपज शामिल हैं । मानऩीय जनजात़ीय कार्य द्ारा इस शोध प्रतिवेदन का भ़ी अनावरण किया गया । सथाऩीय के लिए मुखर और आतम निर्भर भारत के निर्माण पर प्रधानमंत्री के जोर के साथ , ट्राईफेड , जनजात़ीय सशलकतकरण क़ी दिशा में काम करने वाि़ी बुनियाद़ी संसथा के रूप में , नई पहल शुरू करना और उनका संचालन करना जाऱी रखेग़ी , जो जनजात़ीय लोगों क़ी आय और आज़ीलिका में बढोत्ऱी करने के साथ-साथ , उनके ज़ीिन और परंपराओं का संरक्ि भ़ी कर सके । �
tuojh 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 19