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के ब़ीि एक समझौता ज्ापन का आदान-प्रदान भ़ी हुआ । इस अवसर पर अपने संबोधन में मुडा ने वन , वनोपज और वनवासियों के सिाांग़ीि विकास को अनिवार्य आवशयकता करार देते हुए कहा कि कोरोना काल में जिस ऑक्सीजन क़ी अहमियत सबको समझ में आ गई है उसका निर्माण और संरक्ि करने में इनके अतुलऩीय योगदान को सवंर्धित करने क़ी जरूरत है । उनहोंने जनजात़ीय समाज क़ी कला और संसकृलत से लेकर खान-पान और संसकारों तक के गुणों का वर्णन करते हुए जोर देकर कहा कि आतमलनभ्थर भारत के निर्माण में सबसे प्रभाि़ी योगदान वन , वनोपज और वनवास़ी ह़ी कर सकते हैं ।
इस अवसर पर बोलते हुए , अर्जुन मुंडा ने कहा , " मुझे ट्राईफेड वन धन क्रॉनिकल जैस़ी इन सभ़ी उ्िेखऩीय पहलों का लोकार्पण करते हुए खुश़ी हो रह़ी है , जिन पर ट्राईफेड काम कर रहा है । इस महतिपूर्ण संसाधन के कार्यानियन से लनलशित रूप से ट्राईफेड द्ारा शुरू क़ी गई गतिविधियों के बारे में संवाद करने में मदद मिलेग़ी , जिनहोंने 16 लाख से अधिक जनजात़ीय लोगों के ज़ीिन को प्रभावित किया है ; और भवि्य में इन गतिविधियों पर काम करने वाले अधिकारियों के लिए यह एक नियमािि़ी के रूप में भ़ी काम करेगा । वयापक प्रबंधन सूचना प्रणाि़ी ( एमआईएस पोर्टल ) का शुभारंभ भ़ी खऱीद आंकडों क़ी उपलबिता सुलनलशित करेगा , जो प्रभाि़ी निर्णय लेने और समग् पारदर्शिता बढाने में मदद कर सकते हैं । यह सराहऩीय है कि जनजात़ीय कार्य मंत्ािय और ट्राईफेड के दल ने पिछले कुछ िषमों में कठिन पररलसथलतयों के बावजूद काऱी कुछ हासिल किया है ।”
मुंडा ने बताया कि ट्राईफेड जनजात़ीय लोगों के सशलकतकरण के लिए कई उ्िेखऩीय कार्यक्रम चला रहा है । दो वर्ष क़ी अ्प अवधि में , इसने अब तक 27 प्रदेशों में फैले 3,110 वन धन विकास केंरि समूहों में शामिल 52,976 वन धन सियं सहायता समूहों को स्वीकृति प्रदान क़ी है , जिसमें 9.27 लाख लाभाथटी शामिल हैं । ये वन धन विकास केंरि समूह , विकास के
विलभन् चरणों में हैं और अब तक कई सफलता क़ी कहानियां सामने आई हैं । सभ़ी 27 प्रतिभाग़ी राजयों के वन धन विकास केंरि समूहों ने , जिनमें महारा्ट्र , मणिपुर , तमिलनाडु , कर्नाटक , ओडिशा , केरल , लत्पुरा , गुजरात , लसलककम , आंध्र प्रदेश प्रमुख हैं , लगभग 600 किसमों के उतपादों का उतपादन शुरू कर दिया है । खुदरा विपणन पहल के तहत अब तक कुल 144 ट्राइबस इंडिया लबक्ऱी केंरि खोले जा चुके हैं । इसके अलावा , वन धन केंरिों के लाभार्थियों द्ारा संग्लहत विलभन् वनोपजों के मू्यिि्थन के लिए जगदलपुर ( छत्तीसगढ़ ) और रायगढ ( महारा्ट्र ) में दो ट्राईफूड परियोजनाओं को श़ीघ्र ह़ी चालू किया जा रहा है ।
ट्राईफे ड वन धन : जनजवािीय धैर्य और उद्यम कवा एक इतिवृत्त ( क्रॉनिकल ):
ट्राईफेड वन धन इतिवृत् देश में जनजात़ीय उद्मों को बढािा देने के लिए किए गए कायमों और वन धन विकास योजना के तहत जनजात़ीय उद्लमयों क़ी उपिलबियों का एक दसतािेज है । इतिवृत् ट्राईफेड द्ारा संचालित गतिविधियों का गहराई से चित्ि करता है जिसने लगभग 16 लाख जनजात़ीय लोगों के ज़ीिन को प्रभावित किया है ; जिसमें चुनिंदा वनोपजों के लिए नयूनतम समर्थन मू्य क़ी शुरुआत , प्रलशक्ि प्रदान करना , वन धन विकास केंरि समूहों में शुरू हुआ मू्यिि्थन , विकसित नई उतपाद लाइनें , पैकेजिंग और विपणन के लिए नए विचार लागू करना , अब तक क़ी उपिलबियां और भवि्य क़ी योजनाएं शामिल हैं ।
लघु वनोपजों की न्ूनतम समर्थन मूल्य योजनवा तथवा
वन धन योजनवा : ट्राइबस इंडिया , ट्राईफूड , लघु वनोपजों क़ी
नयूनतम समर्थन मू्य योजना तथा वन धन योजना का प्रभाि़ी ढंग से प्रचार करने और उन
पर संवाद करने के लिए 9 प्रचार-प्रसार चलचित्ों ( Videos ) का भ़ी लोकार्पण किया गया । ये आकर्षक सूचनातमक चलचित् राष्ट्रीय लर्म विकास निगम ( NIFD ) द्ारा विकसित किए गए हैं , और ये ज्द ह़ी प्रसारित किए जाएंगे । लघु वनोपजों के लिए प्रबंधन सूचनवा प्रणवािी
पोर्टल : लघु वनोपजों क़ी नयूनतम समर्थन मू्य
योजना के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाि़ी ( MIS ) पोर्टल , जिसका लोकार्पण किया गया , जनजात़ीय कार्य मंत्ािय और ट्राईफेड के अधिकृत उपयोगकर्ताओं के लिए एक तैयार नियंत्ि-पट्ट ( dashboard ) है । इस नियंत्ि-पट्ट में , खऱीद केंरिों क़ी सूि़ी और उनके सथानों ( मानचित्ों पर नियंत्ि-पट्ट सुईं सहित ) और देश भर में क़ी जा रह़ी लघु वनोपजों ( एमएफप़ी ) क़ी खऱीद से संबंधित आंकडे , वासतलिक समय के आधार पर उपलबि हैं । इस पोर्टल का शुभारंभ , तेज़ी से विशिेषणातमक और प्रभाि़ी निर्णय लेने के लिए , खऱीद संबंि़ी आंकडों क़ी तैयार और ऑनलाइन उपलबिता सुलनलशित करने के उद्ेशय से किया जा रहा है । यह खऱीद गतिविधियों में
18 दलित आं दोलन पत्रिका tuojh 2022