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यूपी-उत्राखंड मरें भी हो मतदान की तारीख मरें परिवर्तन ‘ संत रविदास जयंती के मद्ेनजर मतदान की तारीखों में बदलाव जरूरी ’ - डॉ . र्ास्ती
पं उत्तराखंड में भी चुनाव की तारीखों में
जाब में विधानसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव के बाद अब उत्तर प्देश और
बदलाव की मांग जोर — शोर से की जा रही है । दरअसल 16 फरवरी को संत रविदास की ज्यंती होने के मद्ेनजर पंजाब में सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आ्योग से एक सुर से मांग की थी कि 14 फरवरी को होनेवाले मतदान की तारीख में बदलाव मक्या जाए ताकि अनुसूचित जाति के लोगों को अपने मताधिकार का इसतेमाल करने में कोई दिककत ना हो । इस आधार को सिीकार करते हुए चुनाव आ्योग विारा पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीख को 14 फरवरी से बदल कर 20 फरवरी कर दिए जाने के बाद अब इसी आधार पर ्यूपी और उत्तराखंड में भी 14 फरवरी को होने वाले चुनाव की तारीखों में बदलाव किए जाने की मांग की जा रही है ।
चुनाव आयोग से अपील
इसी सिलसिले में उत्तराखंड के विधा्यक और प्देश की सूचना प्ौद्योमगकी समिति के सभापति देशराज कर्णवाल ने चुनाव आ्योग को पत् लिखकर संत रविदास ज्यंती के मद्ेनजर पंजाब में चुनाव की तारीखों में बदलाव किए जाने को सिागत ्योग्य लोकतांमत्क निर्ण्य करार देते हुए बता्या है कि गुरू रविदास ज्यंती केवल पंजाब तक ही सीमित नहीं है बसलक उत्तर प्देश और उत्तराखंड सहित पूरे देश के करोड़ों लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं । देशराज के मुताबिक अगर 14 फरवरी को मतदान करा्या ग्या तो उत्तर प्देश और उत्तराखंड में रहने वाले दलित समाज के लाखों लोग मतदान के अधिकार का इसतेमाल
करने से वंचित रह जाएंगे । इसलिए आवश्यक है कि मतदान की प्सतामित तारीख को आगे बढ़ा्या जाए और भविष्य में भी इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए कि महतिपूर्ण त्योहारों व गुरू पर्व पर मतदान की तिथि घोषित ना की जाए । इसी प्कार एससी-एसटी आ्योग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक् और भाजपा के वरर्ठ दलित नेता डॉ . विज्य सोनकर शासत्ी ने भी मतदान की तारीखों में बदलाव को आवश्यक करार देते हुए कहा है कि 16 फरवरी को संत रविदास के जनम सथान बनारस में दलित समाज के लोगों के जुटान की परंपरा है जिसका निर्वाह करने वालों के लिए 14 फरवरी को मतदान कर पाना बेहद मुसशकल होगा ।
डॉ . र्ास्ती ने भी की मांग
उललेखनी्य है कि चुनाव आ्योग विारा उत्तर प्देश में 14 फरवरी को दूसरे चरण के तहत 58 सीटों पर मतदान कराए जाने की घोषणा की जा चुकी है । इसी प्कार उत्तराखंड में भी इसी दिन एक ही चरण में प्देश की सभी 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कराने का ऐलान मक्या जा चुका है । इसके दो दिन बाद ही 16 फरवरी को संत रविदास जी की ज्यंती है जिनहें पूरे देश के दलित समाज के विशेष जाति के लोग अपना गुरू मानते हैं और उनकी ज्यंती के मौके पर बड़े धूम-धाम से गुरू पर्व मनाने के लिए संत रविदास के जनम सथान काशी में एकत् होते हैं । डॉ . विज्य सोनकर शासत्ी के अनुसार दलित समाज के लोग गुरू पर्व का पूरे साल इंतजार करते हैं और इस मौके पर सपताह पर्यंत उतसि मनाते हैं । उनहोंने बता्या कि हर बार की तरह परंपरागत रूप से उत्तर प्देश और उत्तराखंड के दलित समाज के लाखों लोग 10 से 16 फरवरी को गुरपर्व मनाने के लिए उत्तर प्देश के बनारस जाएंगे जिसके कारण वे लोग विधानसभा चुनाव के लिए अपना वोट नहीं डाल पाएंगे और उनहें अपने इस संवैधानिक अधिकार से वंचित होने के लिए विवश होना पड़ेगा । लिहाजा उनहोंने चुनाव आ्योग से मांग की है कि संत रविदास ज्यंती के मद्ेनजर पंजाब की ही तरह उत्तर प्देश और उत्तराखंड में भी मतदान की तारीखों में आवश्यक बदलाव मक्या जाए ताकि सभी चुनावी राज्यों के दलित समाज के लोग बढ़-चढ़ कर अपने मताधिकार का इसतेमाल कर सकें । �
iQjojh 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 29