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' जय भीम ' सत्य घटना पर दलित
फिलि : जय भरीि वनददेशक : टरी . जे . ज्ानवेल कास्ट : सयूयामा , रिकाश राज , राव रमेश , रजरीशा विजयन , मणिकंदन और लरीजोमोल जोस ओटरीटरी : अमेजन रिाइम िरीवडयो
त्वमर्श का प्रयास जात्तगत भेदभाव और पुलिस सिस्टम का बुना ताना — बाना अपने नाम को सार्थक करता हुआ सिनेमा
इन दिनों अमेजन प्ाइम पर प्दर्शित फिलम ' जय भीम ' काफी चर्चा में है । मूल रूप से तमिल भाषा में बनी और दतक्ण भारतीय कलाकारों से भरी हतुई यह फिलम जैसे ही दूसरी भाषाओं डब हकोकर आई , इसकी पूरे देश में चर्चा हकोने लगी । भारत की कानून व्यवसथा , ्वकील , पतुतिस , प्शासन और आतद्वासियों और कमजकोर ्वग्स के िकोगों के इर्द-गिर्द बनी इस फिलम ने जरूरी र्वाल और काय्सप्णाली कको उठाया है । फिलम की रिलीज के बाद पिछले कई दशकों से दबी जतुबान से जिन मतुद्ों पर र्वाल किया जा रहा था , उसपर रकोशल मीडिया से लेकर चौक — चौराहे और
गली — कूचे तक ही नहीं बपलक राजनैतिक और प्शासनिक गलियारों में भी नए सिरे से चर्चा हकोने लगी है ।
अपने नाम को सार्थक करता सिनेमा इतिहास में अतभ्वादन के कुछ तरीके और
कुछ नारे किसी ्वैचारिकी की अंत्व्सस्तु ए्वं त्वरासत के सारे तत्वों कको अपने में समेट लेते हैं , ऐसे ही अतभ्वादनों में एक ‘ जय भीम ’ है । जय भीम के अतभ्वादन ए्वं नारे का भारत के संदर्भ ्वही सथान है , जको ्वैश्विक सतर पर मेहनतकश मजदूरों की समाज्वादी कांतिकारी परंपरा में ‘ लाल सलाम ’ का है । भारत की
42 दलित आं दोलन पत्रिका fnlacj 2021