eMag_Aug2022_DA | Page 6

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रमेश शर्मा

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रत की ्वाधीनता के 75 बरस बाद एक आदिवासी महिला का ’ भारत का प्रथम नागरिक ’ बनना निसशित ही ऐतिहासिक अवसर है । वह इसलिये कि द्ौपदी मुर्मू उस समाज की गौरवासनवत प्रतिनिधि है , जिनहें ’ समानता के अवसर ’ के संवैधानिक संहिता के अनुरूप अनुसूचित जनजाति का दर्जा तो दिया गया , किनतु ’ शीर्ष नेतृतव में बराबरी ’ का वा्ततवक अवसर आज ्वाधीनता के सात दशकों के बाद आया है । ऐतिहासिक इसलिये भी , कि द्ौपदी मुर्मू का अपना वयस्ततव , देश - समाज और समाजसेवा के प्रति समर्पण के साथ-साथ और प्रखर हुआ है । इ्कीसवीं सदी के नए भारत का नेतृतव करने के लिये सर्वसमाज की ओर से आपको बधाई - महामहिम द्ौपदी मुर्मू जी ।
उम्मीदें आसमान पर
आपका राष्ट्रपति होना , विशेष रूप से देश के करोड़ों आदिवासियों और वंचित समाज के लिए उममीदों का नया सबेरा है । आदिवासी अस्मता और अधिकारों के नाम पर बनाये गये कायदे-कानून तथा नेकनियती के उसूलों पर

सुनो सरकार ! वंचितों को बराबरमी की दरकार

महामहिम मुर्मू से आस , सबने किया निराश अनुसूचित समाज की उम्मीदें आसमान पर

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