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लेकिन भुगतान नहीं हुआ । अब इसका खामियाजा लाखों ्रूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है । ्योंकि कॉलेज उनहें एंट्री नहीं दे रहे हैं । ्कॉिरशिप में अनियमितता का मामला इससे पहले राजय शासन में रही कांग्रेस के जमाने में सामने आया था । उस व्त कोई जांच नहीं कराई गई थी । फीस नहीं भर पा रहे छात्र
दलित छारिों की पढ़ाई ्कॉिरशिप न मिल पाने से छूट जाने की जानकारी राष्ट्रीय एससीएसटी आयोग के अधयक्ष विजय सांपला ने दी । सांपला ने मीडिया को बताया कि आयोग
ने राजय सरकार से इस बारे में ्पष्रीकरण मांगा है । केंद् ने बकाया ्कॉिरशिप की राशि का भुगतान भी राजय को कर दिया , लेकिन राजय की भगवंत मान सरकार ने उसे कॉलेजों को नहीं दिया । विजय सांपला ने कहा कि आयोग ने खुद मामले का संज्ाि लिया है । इस तरह की तमाम शिकायतें हैं कि फीस न भरने की वजह से एससी छारिों को कॉलेजों में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है । पंजाब के मुखयमंरिी भगवंत मान ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं । उनहोंने ट्विटर पर लिखा कि ‘ मुझे पहले की सरकार के समय ्कॉिरशिप की राशि के आवंटन की फाइलें मिली हैं । इसमें प्राइवेट सं्थािों को फंड देने में गड़बतड़यां पाई गई हैं । जांच के आदेश दे दिए गए हैं । हर पैसे का हिसाब लिया जाएगा ।’
झांसा दे रहमी मान सरकार !
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ( एनसीएससी ) के चेयरपर्सन विजय सांपला ने बताया कि कमीशन ने इस मामले में पंजाब सरकार से जवाब मांगा है । सरकार से पूछा गया है कि ‘ केंद् से राशि मिलने के बावजूद कॉलेजों को ्कॉिरशिप का भुगतान ्यों नहीं किया गया ?’ उनहोंने बताया कि ‘ हमारे पास अनुसूचित जाति के छारिों की ढछेरों शिकायतें आ रही थीं कि उनहें कॉलेज में एंट्री नहीं दी जा रही है ्योंकि सरकार ने उनकी फीस नहीं भरी है । इसके बाद हमने इस मामले में खुद संज्ाि लिया है । वर्ष 2017 में इस एससी ्कॉिरशिप ्कीम से करीब 3 लाख ्रूडेंट्स को फायदा मिल रहा था । लेकिन 2020 में यह संखया घटकर 1 से 1.25 लाख के बीच रह गई । जब हमने राजय सरकार से इसका कारण पूछा , तो उसने बताया कि जयादातर छारिों ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी है ।’ इस बारे में जयादा जानकारी जुटाने पर हकीकत का खुलासा हुआ । उनहोंने कहा कि पंजाब सरकार और केंद् के सामाजिक नयाय मंरिािय के अफसरों के बीच इस मामले में बै्ठक भी हुई थी । इस बै्ठक में पता चला था कि पंजाब सरकार को कॉलेजों को 2000 करोड़ रुपए का बकाया देना है । सांपला ने सवाल उ्ठाया कि ये बकाया रकम
आखिर कहां है ? उनहोंने कहा कि इस मामले में आयोग सखत कदम उ्ठाएगा ।
जांच के कारण बाधित व्यवस्ा
पंजाब के मुखयमंरिी भगवंत सिंह मान ने पो्र मैट्रिक ्कॉिरशिप ्कीम में अनियमितताओं की वयापक जांच कराने की घोषणा की है । अनियमितताओं को लेकर ्रूडेंट्स सरकार से शिकायत कर रहे थे । जिसे देखते हुए मुखयमंरिी ने ऐलान किया वे इस मामले में वयापक जांच कराएंगे । मुखयमंरिी मान ने पिछली सरकार में कितनी धनराशि जारी की गई है , इससे जुड़ी जानकारी तलब की है । कहा यह भी जा रहा है कि पूर्व मंरिी साधु सिंह धर्मसोत पर शिकंजा कसा जा सकता है । सत्ारूढ़ आप के एक नेता ने कहा कि , मुखयमंरिी की घोषणा के बाद अब यह बात साफ हो गई है कि , सूबे में अनुसूचित जाति के विद्ातथ्ययों की पो्र मैट्रिक छारिवृतत् में अनियमितताओं की वयापक जांच होगी । वहीं , केंद्ीय जांच ्यूरो ( सीबीआई ) पहले से ही इस घोटाले की जांच कर रही है । इस मामले में अभी तक कई संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जा चुकी है ।
सरकार से संवेदनशमीिता की अपेक्ा
समग्रता में देखा जाए तो यह पूरा मामला पूर्ववतटी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अमानत में खयानत का है । इसकी जांच होनी ही चाहिए और दलित छारिों के हक का पैसा गबन करने वालों के खिलाफ सखत से सखत कार्रवाई भी होनी चाहिए । लेकिन इसमें धयाि रखा जाना चाहिए कि जांच के कारण छारिों की पढ़ाई बाधित ना हो और उनहें आगे की पढ़ाई जारी रखने में तद्कत ना हो । इसके लिए अपेक्षित है कि सरकार संवेदनशीलता से फैसला करे और छारिों को दाखिला मिलने में हो रही सम्याओं का निवारण करने का उपाय निकाले । वर्ना छारिों का पूरा साल ही नहीं बल्क भविष्य खराब हो जाएगा जिसकी पूरी जिममेदारी पंजाब की भगवंत मान सरकार की ही होगी । �
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