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2014 में बदल गयी भारत की राजनीतिक दिशा

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जी तक भ्रषटयाियार में लिपटी कयांग्रेस सरकयार ने जनतया के कल्याण के नयाम पर अपनी और अपने सहयोगियों की जेब ही भरी । कयांग्रेस की हिनदू विरोधी रणनीति में भयारतीय संसकृलत के सतुपरिचित एवं कट्टर विरोधी वयामदलों ने अपनया भरपूर सया् लद्या । कयांग्रेस के कंधों पर बैठने वयािे वयामपंथी , मुस्लिम और ईसयाई नेटवर्क के सया् ही राष्ट्रविरोधी ततवों की संलिपततया कया परिणयाम देश के समग्र विकयास में पैदया हतुए अवरोध और धीमी विकयास दर के रूप में भी देखया र्या । कयांग्रेस , वयामपंथियों और मुस्लिमों की ितुनयावी और सत्तया समबनधी रणनीति पर अगर ध्यान लद्या जयाए तो कहनया अनतुलित नहीं होरया कि वषगों से एक षड्ंत्र के तहत देश की हिनदू जनतया को बयांटया र्या और उसकया उपयोग सत्तया हल््याने के लिए लक्या जयातया रहया । देश की सत्तया में अपने मुस्लिम , वयामपंथी और जयालतरत आधयार पर रयाजनीति में पैर ज़मयाने वयािे नेतयाओं के सहयारे कयांग्रेस ने केवल सत्तया कया सतुख नहीं भोरया , बल्क जनहितों के नयाम पर देश की जनतया के संसयाधनों की निर्लज्जतयापूर्ण ढंग से जमकर लूटने में कसर नहीं छोड़ी ।
2014 में बदल गयी भारत की राजनीतिक दिशा
प्रधयानमंत्री के रूप में भजपया नेतया नरेंद् मोदी ने जिस समय 2014 में केंद्ी् सत्तया संभयािी , उस समय देश की हयाित कयाफी ख़रयाब थी । पूरे देश में सयामयालजक , रयाजनीतिक और आर्थिक मोिजे पर असंतोष फैिया हतुआ ्या । सत्तया संभयािने के बयाद प्रधयानमंत्री मोदी ने हर मोिजे पर कयाम करनया शतुरू लक्या और देश के अंदर विकयासवयादी रयाजनीति को जनम लद्या । परिणयाम सवरूप देश के अंदर हर मोिजे पर विकयास की जो प्रक्रिया शतुरू हतुई , उसकी उममीद न तो जनतया ने की थी और न ही भयाजपया विरोधी दलों ने । भयारतीय रयाजनीतिक इतिहयास में ऐसया पहली बयार हतुआ जब 2014 के आम ितुनयाव में विकयास एक बडया मतुद्दा बनया । कयांग्रेस के लिए यह असहज ्या क्ोंकि कयांग्रेस ने अपने सयाढ वषगों के रयाजनीतिक ्यात्रया में कभी भी विकयास के नयाम पर ितुनयाव नहीं
िडया ्या । इसके विपरीत भयाजपया नेतया मोदी ने विकयासवयाद के नयाम पर ितुनयाव िडया । विकयास के मतुद्े पर जनतया से मिले अपयार समर्थन कया परिणयाम प्रधयानमंत्री मोदी की नीतियों में दिखने िरया तो आम जनतया ने इसकी सरयाहनया की , पर कयांग्रेस और उसके सहयोगियों ने इसे सवीकयार करने की आवश्कतया नहीं महसूस की । कयांग्रेस की ‘ ध्रुवीकरण ’, ‘ यूज एंड थ्ो ’ और " सवकेलनद्त " रयाजनीति को जिस तरह से नरेंद् मोदी की " विकयासवयादी रयाजनीति " ने आइनया दिखया्या । उसी कया परिणयाम यह है कि भयारतीय रयाजनीति के इतिहयास में नरेंद् मोदी " विकयासवयाद " के नए प्रवर्तक के रूप में स्थापित हो ितुके हैं और विकयास के मतुद्े पर उन तक पहतुंचनया अब हर नेतया के बस की बयात नहीं रह गयी है । 2014 के लोकसभया ितुनयाव के बयाद कई रयाज्ों में हतुए विधयानसभया ितुनयाव में कयांग्रेस और उसकी सहयोगी पयालटटि्यां िरयातयार परयाजय कया मतुंह देखती रही , वही प्रधयानमंत्री नरेंद् दयामोदर दयास मोदी के विकयासवयादी एजेंड़े को सभी ने सरयाहने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
देश की समग्र विकयास प्रक्रिया को रोकने और इसके एवज में अपने हितों को पूरया करने
वयािों के लिए मोदी सरकयार मतुसीबत बन कर आयी । कयांग्रेस एवं वयामपंथियों के सहयोग से अपनी दतुकयान िियाने वयािे उन ततवों के लिए मतुसीबत पैदया हो गयी , जो भयारत विरोधी विदेशी शलकत्ों के छदम चेहरे के रूप में देश में सलक्् थे । 2014 से लेकर 2019 के मध् विपक्ी दलों के सया् ही भयारत विरोधी ततवों ने कई बयार ऐसया वयातयावरण बनयाने कया प्र्यास लक्या , जिससे मोदी सरकयार के लिए संकट पैदया लक्या जया सके और कथित मयानवयालधकयार हनन , जयातीय और धयालम्गक हिंसया के नयाम पर मोदी सरकयार और देश की छवि लबरयाडने कया कयाम लक्या जया सके । 2014 में मोदी सरकयार बनने के बयाद पलशिम बंरयाि , उत्तर प्रदेश , बिहयार सहित कई रयाज्ों में विशवलवद्यालय परिसर और छयात्रों कया इसतेमयाि भयाजपया और मोदी सरकयार कया विरोध करने के लिए लक्या र्या । छयात्रों के मयाध्म से जहयां राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को सही सयालबत करने की चेष्टा की गयी , वही दलित-मुस्लिम एकतया के लिए भी मयाहौल बनया्या र्या । असहिष्णुतया , अवयाडटि वयापसी , रोहित वेममतुिया , ऊनया कयाणड , भयारत तेरे टुकड़े होंगे , जयाट आनदोिन , रतुजरयात पट़ेि आनदोिन , दलित आंदोलन के नयाम पर
12 दलित आंदोलन पत्रिका vxLr 2021