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से लिया और फिर नयायालय के आदेश पर कांग्ेस विधायक , पुलिस उप अधीक्षक सहित चार लोगों के विरुद्ध पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है ।
दलित वर्ग का यह पीवड़त वयलकत प्रदेश के सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह का कर्मचारी है । 51 िरटीय पीड़ित ने बताया की वह टोड़ालड़ी गांव में एक खेत को संभालता है । गत 30 जून की दोपहर वह पत्ी और एक अनय साथी के साथ खेत में काम कर रहा था । अचानक कुछ पुलिसकमटी आए और उसे जबरन गाड़ी में डालकर कांग्ेस विधायक के घर ले गए । वहां ले जाकर उसे एक कमरे में बंद कर दिया । इसके बाद पुलिसकर्मियों ने मारपीट की । कुछ देर बाद पुलिस उप अधीक्षक शिव कुमार भारद्ाज कमरे में आए और उसके मुंह पर पेशाब कर दिया । बाद में पुलिसकमटी जबरन पकड़ कर विधायक के पास ले गए । वहां विधायक ने उससे कहा कि मेरे जूते जीभ से चाटने पर ही तुझे छोड़ा जाएगा । जान बचाने के लिए उसने विधायक के जूते चाटे । इसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचा , लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गयी । फिर वह नयायालय पंहुचा । नयायालय के
आदेश पर गत 27 जुलाई को जमवारामगढ पुलिस थाने में उसके साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज की गई ।
इस मामले पर गहलोत सरकार ने अपने एक बयान में आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और आरोपों को निराधार एवं झूठा बताया । राजय सरकार के गृह विभाग के अनुसार यह मामला सेवानिवृत् पुलिस अधिकारी नवदीप सिंह की शह पर दर्ज करवाया गया है । नवदीप सिंह का कई िरथों से जमवारामगढ़ इलाके के गांव टोडालडी आंधी में इस जमीन पर निवास कर रहे सिानीय कबजाधारी आदिवासी व दलित समुदाय के लोगों से विवाद चल रहा है । नवदीप ने उनहें हटाने का प्रयास किया , लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया तो उनहोंने अपने कर्मचारी से असतय आरोप लगवा दिए । विधायक गोपाल मीणा भी आरोप को गलत बता रहे हैं । लेकिन उनके पास इस प्रश्न का उत्र नहीं है कि आखिर उनके ही विरुद्ध यह आरोप कयों लगाए गए ?
वैसे देखा जाए तो कांग्ेस शासनकाल में राजसिान में दलित उतपीड़न की घटनाओं के मामले में तीसरे नंबर पर आ चुका है । राजसिान पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021
में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के विरुद्ध अतयाचार के मामलों में एक वर्ष पहले की तुलना में 7.23 प्रतिशत की बढोतरी हुई है । वहीं राषट्ीय अपराध रिकॉर्ड बयूरो के 2020 के आंकड़े के अनुसार दलितों के विरुद्ध होने वाले अतयाचार के मामलों में उत्र प्रदेश और बिहार के बाद राजसिान तीसरे नंबर पर है । यह आंकड़े गहलोत सरकार के दावों कि सियं पोल खोलते हैं । राजय में दलित दू्हे को घोड़ी से उतारने की , दलितों की बारातों पर पथराव की घटनाएं भी सामानय हैं । राजय पुलिस के मुताबिक गत दस िरथों में ऐसी 76 घटनाएं दर्ज की गई हैं ।
राजय भाजपा के नेता कहते हैं कि राजय में एक के बाद एक दलितों पर अतयाचार के सामने आए मामलों ने राजय की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है । जब सरकार और मुखयमंत्ी कमजोर होते हैं तो ऐसी घटनाओं में इजाफा होता है । ऐसी घटनाएं यह बताती हैं कि राजय के मुखयमंत्ी बेबस और गृह मंत्ी लाचार हैं । जानकारी हो कि राजय के मुखयमंत्ी गहलोत के पास गृह मंत्ालय का प्रभार भी है । भाजपा आगामी चुनाव में दलित अतयाचारों के मामलों को जनता के बीच लेकर जाएगी । �
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